Delhi-Dehradun Expressway: भारत सरकार द्वारा निर्मित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और यह 2025 की शुरुआत में आम यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। 13,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा को न केवल तेज़ करेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर विकास को बढ़ावा देगा। इस एक्सप्रेसवे को भारतमाला परियोजना का हिस्सा माना जाता है, जो पूरे देश में सड़क बुनियादी ढांचे को सुधारने और अपग्रेड करने के लिए एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की खासियत
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का कुल लंबाई 210 किलोमीटर (130 मील) है और इसमें 12/6 लेन का प्रवेश-नियंत्रित मार्ग होगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों से होकर गुजरेगा.
एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय 6.5 घंटे से घटकर केवल 2.5 घंटे रह जाएगा, जिससे यात्री समय की बचत करेंगे। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के ऊपर 12 किमी का एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा बड़ा खास है।
एक्सप्रेसवे पर बस स्टैंड, ट्रक स्टॉप, इंटरचेंज, मनोरंजन और जलपान क्षेत्र जैसी सुविधाओं की व्यवस्था होगी। एक्सप्रेसवे पर ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था भी होगी।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के रास्ते में प्रमुख शहर
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से देहरादून तक के सफर में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के महत्वपूर्ण शहरों से गुजरता है। इस मार्ग पर प्रमुख शहरों और कस्बों में बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर जैसे नाम शामिल हैं।
बिना टोल शुल्क के कनेक्टिविटी
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एक दिलचस्प पहलू यह है कि दिल्ली में प्रवेश और निकासी के दौरान यात्री से कोई टोल शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त खर्च से बचत होगी। यह उन यात्रियों के लिए खास है जो अक्सर दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा करते हैं।