सावन का महीना जहां एक ओर भक्तिमय माहौल और उत्सव का समय होता है। वहीं इस दौरान मथुरा-वृंदावन यात्रा करने का विचार भी कई श्रद्धालुओं के मन में होता है। हालांकि इस समय में यहां आने का मतलब है कि आपको विशेष सावधानियां बरतनी होंगी। क्योंकि यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर कई प्रमुख जगहों पर जाने की मनाही का कारण बन सकता है।
जलस्तर बढ़ने के खतरे
वर्तमान में यमुना जी में जलस्तर का लगातार बढ़ना जारी है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने यमुना किनारे बने मंदिरों और घाटों पर जाने से लोगों को मना किया है। ऐसे में अगर आप इन जगहों पर जाने का प्रयास करते हैं, तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।

प्रमुख जगहें जहाँ यात्रा निषेध है
मथुरा के कंस टीला सहित, वृंदावन के चीर घाट, कैसी घाट और अन्य कई घाट जहाँ यमुना का प्रभाव दिखाई दे रहा है। वहां जाने की अनुमति नहीं है। पिछले कई दिनों से यमुना का जलस्तर लगभग 2 फीट तक बढ़ चुका है। जिससे यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
विश्राम घाट पर विशेष सूचना
मथुरा के विश्राम घाट पर भी यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण स्थानीय प्रशासन ने यमुना में नाव की सवारी और घाट पर आने से लोगों को मना किया है। बारिश के मौसम में यहां आना और भी खतरनाक साबित हो सकता है।
श्रद्धालुओं के लिए सलाह
वृंदावन और मथुरा में यमुना के किनारे कई प्रमुख घाट और मंदिर स्थित हैं। सावन के महीने में यहां की भीड़ बढ़ जाती है, इसलिए श्रद्धालुओं को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। यमुना के किनारे किसी भी घाट या मंदिर पर ज्यादा समय न बिताएं।