हर एक मनुष्य की तरक्की और विनाश का राज अपनी जीभ मे छिपा होता है, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति
चाणक्य ने चेतावनी दी है कि कुछ चीजें जो किसी को सफलता प्राप्त करने से रोक सकती हैं, वह कुछ ऐसा हो सकता है जो उन्होंने अतीत में किया हो। यदि यह चीज़ उन्हें पीछे खींच रही है, तो यह वास्तव में उन्हें कुछ मायनों में विफल कर सकती है। यह एक नकारात्मक गुण हो सकता है, और यदि अनुचित तरीके से उपयोग किया जाता है, तो यह एक समस्या बन सकता है।
Sat, 10 Dec 2022
| 
चाणक्य ने चेतावनी दी है कि कुछ चीजें जो किसी को सफलता प्राप्त करने से रोक सकती हैं, वह कुछ ऐसा हो सकता है जो उन्होंने अतीत में किया हो। यदि यह चीज़ उन्हें पीछे खींच रही है, तो यह वास्तव में उन्हें कुछ मायनों में विफल कर सकती है। यह एक नकारात्मक गुण हो सकता है, और यदि अनुचित तरीके से उपयोग किया जाता है, तो यह एक समस्या बन सकता है।
किसी भी मनुष्य की तरक्की और विनाश का राज उसकी जीभ में छिपा होता है- चाणक्य
- आचार्य चाणक्य का मानना है कि किसी व्यक्ति की सफलता या विनाश की कुंजी उसके मुंह से निकलने वाली बातों में पाई जाती है। चाणक्य कहते हैं कि कड़वे और मीठे शब्दों में बहुत शक्ति होती है - वे समस्याएँ पैदा कर सकते हैं या वे संबंध बना सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति की वाणी में कटुता अधिक हो तो उससे बड़ा दरिद्र कोई नहीं होगा, लेकिन यदि मधुरता और संयम से बात करे तो उसका आदर होता है।
- चाणक्य कहते हैं कि अपने शब्दों को व्यर्थ नहीं करना महत्वपूर्ण है। केवल वही बोलें जो आवश्यक हो, और बेहतर होगा कि आप इस तरह से बोलने से बचें जो हानिकारक या विनाशकारी हो।
- एक बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा उचित तरीके से बात करता है और बहुत अधिक नहीं बोलता है, क्योंकि वह जानता है कि एक शब्द उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है। लोग जो सुनते हैं उसे बदल नहीं सकते। ज्ञान के शब्द लोगों के पतन का कारण बन सकते हैं, साथ ही दूसरों को चोट पहुँचा सकते हैं। बोलने में एक सफल स्थिति को असफलता में बदलने की शक्ति होती है।
- चाणक्य का मानना है कि बोलने से पहले अच्छी तरह से सोचना जरूरी है, क्योंकि शब्दों में लोगों की भावनाओं को प्रभावित करने की शक्ति होती है और अंततः सफलता की ओर ले जा सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखने वाले ही संसार को जीत सकते हैं।
[Disclaimer: यहां प्राप्त जानकारी सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है। Dharatal Tv किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।]