Delhi-Amritsar-Katra Expressway: दिल्ली से कटरा और अमृतसर तक यात्रा को आसान बनाने के लिए बन रहे दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे का कार्य अब अगले वर्ष सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। हाँ परियोजना में कई समस्याएँ आ रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से जमीन अधिग्रहण और प्राकृतिक चुनौतियाँ शामिल हैं। वर्तमान में इस परियोजना का 60% काम जम्मू और कश्मीर के हिस्से में पूरा हो चुका है, जबकि अन्य क्षेत्रों में काम धीमा चल रहा है।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे लगभग 670 किलोमीटर लंबा होगा और यह ₹39,000 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा। जब यह परियोजना पूरी होगी, तो दिल्ली से कटड़ा पहुंचने का समय 6 घंटे से घटकर केवल 6 घंटे रह जाएगा और अमृतसर के लिए भी यात्रा का समय कम हो जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा हरियाणा और पंजाब से होकर जाएगा, जिससे इन दोनों राज्यों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। सबसे बड़ी चुनौती जमीन अधिग्रहण है। खासकर वे किसान जो दशकों से सरकारी भूमि पर खेती कर रहे हैं, उन्होंने मुआवजा न मिलने पर कई मामलों को अदालत में डाला है। इससे परियोजना की गति में रुकावट आई है।
इस मार्ग में कई नाले और अन्य प्राकृतिक बाधाएँ हैं जिन पर पुल का निर्माण किया जा रहा है। ये निर्माण कार्य की गति को धीमा कर रहे हैं। परियोजना का कुछ हिस्सा ऐसे क्षेत्रों से होकर गुजरता है, जहाँ पहले से ही यातायात बहुत अधिक है। इस कारण ट्रैफिक प्रबंधन में भी कठिनाई आ रही है।
निर्माण कंपनियों और प्रशासन के बीच सामंजस्य की कमी ने भी कार्य की गति पर प्रभाव डाला है।साथ-साथ चल रहा पठानकोट-जम्मू राजमार्ग का चौड़ीकरण भी इस परियोजना की प्रगति को प्रभावित कर रहा है।
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रियों के लिए समय बचाने में सहायक होगा, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी एक वरदान साबित होगा, जो माँ वैष्णो देवी धाम और अमृतसर के धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के लिए इस मार्ग का उपयोग करेंगे।
इस परियोजना की शुरुआत 2022 में हुई थी और इसे पहले सितंबर 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इसकी नई डेडलाइन सितंबर 2025 रखी गई है। इसके चलते सरकार और निर्माण कंपनियाँ परियोजना को जल्दी पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं।