Traffic police: जालंधर में पुलिस आयुक्त स्वपन शर्मा के नेतृत्व में कमिश्नरेट पुलिस ने संशोधित साइलेंसरों के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया है। इन साइलेंसरों का उपयोग भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकता है। इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर शांति बनाए रखना है।
ध्वनि प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव
संशोधित साइलेंसर से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण विशेषकर बच्चों, चिकित्सा रोगियों और वरिष्ठ नागरिकों को प्रभावित कर सकता है। हाई ध्वनि लेवल (high noise levels) लंबे समय तक सुनने की क्षमता को कमजोर कर सकते हैं। जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और पुलिस की पहल
पुलिस आयुक्त ने संशोधित साइलेंसर पर न केवल कानूनी पहलुओं पर बल्कि स्वास्थ्य प्रभावों पर भी जोर दिया है। लगातार हाई ध्वनि लेवल से जुड़े तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ (health issues related to noise pollution) गंभीर हो सकती हैं। जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
मॉडिफाइड साइलेंसर पर पुलिस की सख्ती
पुलिस द्वारा जालंधर भर में गश्त और निगरानी बढ़ाई गई है। विशेष अभियानों में अवैध साइलेंसर वाली बुलेट मोटरसाइकिलों को जब्त किया गया है। जिससे अन्य वाहन चालकों को सख्त संदेश (strict message by police) दिया गया है।
जागरूकता और प्रभावी संचार
कमिश्नरेट पुलिस जागरूकता बढ़ाने के लिए समुदायों से संवाद कर रही है। सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया का उपयोग करके ध्वनि प्रदूषण के खतरों के बारे में लोगों को सूचित किया जा रहा है।
भविष्य की योजना और सुरक्षा उपाय
कमिश्नरेट पुलिस अवैध संशोधनों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। यह पहल शहरी वातावरण में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। साथ ही सभी नागरिकों के लिए एक स्वस्थ लाइफस्टाइल प्रदान करने के लिए भी है।