अगले वर्ष से चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा का अनुभव सरल और फायदेमंद हो जाएगा। भारतीय रेलवे ने ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक एक नई रेलवे लाइन के निर्माण की योजना बनाई है जिससे न केवल चारधाम की यात्रा आसान होगी बल्कि उत्तराखंड के कई शहरों की कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में इसके समय पर पूरा होने की संभावना है।
तकनीकी विवरण और प्रगति
इस नई रेल लाइन की कुल लंबाई 125 किलोमीटर होगी जिसमें से 105 किलोमीटर ट्रैक टनल के माध्यम से होगा। अभी तक टनल निर्माण का 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। रेलवे के अनुसार, इस लाइन में 16 मुख्य टनल और 12 निकास टनल के साथ ही कई क्रॉस पैसेज भी बनाए जा रहे हैं, जिनकी कुल लंबाई 213 किलोमीटर है। इसमें से 160 किलोमीटर में खुदाई का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो जाएगा।
स्थानीय लाभ और विकास
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन देहरादून, टिहरी, गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों से होकर गुजरेगी। इससे न केवल चारधाम यात्रा करने वालों को सुविधा होगी बल्कि स्थानीय लोगों को भी राज्य के दूरदराज के इलाकों में बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा मिलेगी। इससे उत्तराखंड के विकास में नई स्पीड मिलेगी और आर्थिक प्रगति को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरणीय प्रभाव और सावधानियाँ
इस प्रकार के बड़े निर्माण प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय प्रभाव का मुद्दा भी महत्वपूर्ण होता है। रेलवे विभाग इस बात का ध्यान रख रहा है कि निर्माण के दौरान पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुंचे। इसके लिए उन्नत तकनीकों और सुरक्षित निर्माण प्रथाओं का उपयोग किया जा रहा है।