8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग की प्रतीक्षा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक निराशाजनक खबर सामने आई है। हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निकट भविष्य में 8वें वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की लंबी प्रतीक्षा अब और बढ़ने का संकेत मिल रहा है।
केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स, 8वें वेतन आयोग का इंतजार इसलिए कर रहे थे क्योंकि इसके लागू होने से उनके वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों में वृद्धि होती है। वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में गठित होता है और यह कर्मचारियों के वेतन ढांचे में संशोधन करता है।
वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों के मूल वेतन और भत्तों में वृद्धि होती है। इससे कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलती है। पेंशनर्स के लिए भी वेतन आयोग महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे उनकी पेंशन में भी वृद्धि होती है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में, केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि फिलहाल आठवें वेतन आयोग के गठन पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। यह बयान उस सवाल के संदर्भ में था जिसमें पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार 2025-26 के बजट में नए वेतन आयोग की घोषणा करने पर विचार कर रही है।
केंद्र सरकार का वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में गठित होता है। सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गठित किया गया था। इस आयोग ने अपनी सिफारिशें 19 नवंबर 2015 को दी थीं, और 1 जनवरी 2016 से ये सिफारिशें लागू हो गई थीं।
सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में व्यापक सुधार हुआ था। अब, अगला वेतन आयोग, यानी आठवां केंद्रीय वेतन आयोग, 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना थी, लेकिन वित्त मंत्रालय के ताजा बयान ने इसे अनिश्चित बना दिया है।
सरकार की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में 8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इस खबर के बाद कुछ उम्मीदों का टूटना स्वाभाविक है, लेकिन सरकार के लिए यह भी आवश्यक हो सकता है कि वह आर्थिक स्थिति और अन्य जरूरी कार्यों पर ध्यान केंद्रित करे। हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनर्स का कहना है कि वे 8वें वेतन आयोग के गठन की उम्मीद अभी भी बनाए रखेंगे।