Vita Milk Plant: हरियाणा के जींद में स्थित वीटा मिल्क प्लांट को फुली ऑटोमैटिक बनाने की दिशा में बड़ी तैयारियां चल रही हैं। इस प्लांट को पूरी तरह से ऑटोमैटिक बनाने का लक्ष्य मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और हाइजिन के मामले में इसे इंटरनेशनल स्तर तक पहुंचाया जाएगा। इससे प्लांट के कार्यकुशलता में भी जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
वीटा मिल्क प्लांट
वीटा मिल्क प्लांट ने न केवल जींद, बल्कि हिसार और आसपास के कई जिलों के किसानों की जिंदगी में सुधार किया है। यह प्लांट हरियाणा के सबसे महत्वपूर्ण दूध उत्पादक केंद्रों में से एक बन चुका है। इस प्लांट से उत्पादित देशी घी, दही, पनीर, और मिठाइयों की मांग न केवल हरियाणा में बल्कि पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी होती है। मदर डेयरी जैसी कंपनियों को भी इस प्लांट से दूध की आपूर्ति की जाती है।
पूरी तरह से ऑटोमैटिक बनने का फायदा
ऑटोमैटिक सिस्टम से वीटा मिल्क प्लांट में उत्पादों की गुणवत्ता और प्रोसेसिंग क्षमता में अत्यधिक सुधार होगा। ऑटोमेशन से कार्य में दक्षता बढ़ेगी और हाइजिन के मानकों को बेहतर बनाया जाएगा। इसके अलावा, उत्पादों की गुणवत्ता पर भी स्थिरता आएगी, जिससे ग्राहकों का विश्वास और बढ़ेगा।
वीटा मिल्क प्लांट के लाभ
ऑटोमैटिक सिस्टम से उत्पादों की गुणवत्ता पर एकसार और निरंतर नियंत्रण रहेगा।मैन्युअल कार्यों को समाप्त कर ऑटोमैटिक प्रक्रिया शुरू होने से प्लांट की कार्यकुशलता बढ़ेगी। ऑटोमैटिक सिस्टम से उत्पादों की हाइजिन में सुधार होगा और यह इंटरनेशनल मानकों तक पहुंचेगा।
इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाली लागत
इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है। इसमें विदेश और गुजरात से लाई गई मशीनों की इंस्टॉलेशन शामिल है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य न केवल प्लांट की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार करना है, बल्कि इससे स्थानीय किसानों को भी फायदा होगा। जब यह प्लांट पूरी तरह से ऑटोमैटिक हो जाएगा, तो इसमें अधिक दूध की प्रोसेसिंग हो सकेगी, जिससे अधिक किसानों को जोड़ने की संभावना है।