PMAY: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का उद्देश्य भारत के गरीबों और वंचित वर्गों को पक्के मकान प्रदान करना है। इस योजना के तहत अब कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे और भी अधिक गरीब परिवारों को इसका लाभ मिल सके। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा में हुई एक बैठक में इन बदलावों के बारे में बताया। इन बदलावों के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 (PMAY 2.0) अब और भी अधिक पात्र लोगों तक पहुंचेगी।
स्वयं का टेलीफोन व मोटर साइकिल रखने वाले पात्र होंगे
अब ऐसे लोग भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे जिनके पास खुद का टेलीफोन और मोटर साइकिल है। पहले ऐसे लोग इस योजना से बाहर थे, लेकिन अब उन्हें भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है।
आमदनी सीमा में वृद्धि
पूर्व में योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलता था, जिनकी मासिक आय 10,000 रुपये तक थी। अब इस सीमा को बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे और अधिक परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
सिंचित और असिंचित भूमि वाले परिवारों को भी मिलेगा लाभ
अब ढाई एकड़ सिंचित भूमि और पांच एकड़ असिंचित भूमि वाले परिवारों के सदस्य भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा सकेंगे। इससे बड़े कृषि परिवारों को भी घर बनाने की सुविधा मिलेगी।
ईकेवायसी प्रणाली का उपयोग
योजनाओं में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े से बचने के लिए ईकेवायसी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रणाली के तहत किसानों के बैंक खाता और आधार कार्ड लिंक किए जाएंगे, ताकि योजनाओं के लाभ वितरण में कोई रुकावट न हो।
पीएम आवास योजना 2.0 के लाभ
योजना के तहत पात्र परिवारों को पक्के मकान मिलते हैं, जिनमें दो कमरे, रसोई और शौचालय की व्यवस्था होती है। लाभार्थियों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जो विभिन्न किस्तों में उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना के तहत घरों का मालिकाना हक लाभार्थियों को दिया जाता है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित होता है।
शिवराज सिंह चौहान का बयान
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि सरकार की योजनाओं का सुपात्रों तक पहुंचना बहुत जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे आपसी समन्वय से योजनाओं का निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि पात्र लोग योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों को सभी सरकारी आयोजनों में आमंत्रित किया जाए, ताकि योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी योजना का लाभ वंचितों को न मिले।