यूपी के इस जिले से नैनीताल जाने वाले लोगो की फोरलेन हाइवे बनने से हो जायेगी मौज, लगभग 3 हजार करोड़ रुपए के खर्चे से तैयार होगा फोरलेन
आज के इस आर्टिकल में हमारे पास बरेली, पीलीभीत और उधमसिंह नगर के लोगों के लिए कुछ शानदार खबरें हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाल ही में बरेली-सितारगंज नेशनल हाईवे को दो लेन से चार लेन में बदलने की सहमति दी है, जो इन क्षेत्रों को सीधे उत्तराखंड से जोड़ेगा।

आज के इस आर्टिकल में हमारे पास बरेली, पीलीभीत और उधमसिंह नगर के लोगों के लिए कुछ शानदार खबरें हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाल ही में बरेली-सितारगंज नेशनल हाईवे को दो लेन से चार लेन में बदलने की सहमति दी है, जो इन क्षेत्रों को सीधे उत्तराखंड से जोड़ेगा।
बरेली-सितारगंज हाईवे को फोर लेन किया जाएगा
बरेली, पीलीभीत और उधमसिंह नगर में यात्रियों और कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! पर्यावरण और वन मंत्रालय से हाल ही में मिली मंजूरी के कारण बरेली-सितारगंज राजमार्ग जल्द ही फोर लेन का हाईवे बन जाएगा। इससे गाड़ियों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने, यात्रा के समय को कम करने और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
हाईवे को चौड़ा करने को लेकर बयान
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक बीपी पाठक ने कहा है कि जमीन उपलब्ध होते ही हाईवे का काम शुरू हो जाएगा। अगस्त 2025 तक हाईवे को चौड़ा करने का टारगेट है, और इसपर पर आठ बाईपास बनाए जाएंगे। इससे नैनीताल समेत उत्तराखंड से बेहतर कनेक्टिविटी बनेगी और सीधे बरेली, पीलीभीत और उधम सिंह नगर को जोड़ा जा सकेगा।
फोर लेन हाईवे के फायदे
फोर-लेन हाईवे यात्रियों और बिजनेसो के लिए कई प्रकार के फायदे लाएगा। बेहतर कनेक्टिविटी बनाकर यह सफर को तेज और अधिक बढ़िया बना देगा। पूरे मार्ग में आठ जगहों पर बाइपास होने से गाड़ियों की स्पीड भी बढ़ेगी। कुल मिलाकर इसका प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।
राजमार्ग चौड़ीकरण के पर्यावरणीय प्रभाव
हाईवे चौड़ीकरण के लिए रास्ता बनाने के लिए पेड़ों को काटना होगा। हालांकि, पर्यावरण और वन मंत्रालय ने एक योजना को मंजूरी दी है जिसमें ऐसे प्रोजेक्टों के लिए पेड़ों को काटना और दूसरे स्थानों पर पौधे लगाना शामिल है। यह योजना प्रोजेक्ट के पर्यावरणीय असर को कम करने में मदद करेगी।
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हाईवे चौड़ीकरण के लिए फंडिंग
बरेली-सितारगंज हाईवे चौड़ीकरण प्रोजेक्ट पर 2857 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि यह एक जरूरी इन्वेस्टमेंट है, क्योंकि इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा पॉजिटिव प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। बेहतर कनेक्टिविटी बनाकर, यह व्यापार और कॉमर्स की सुविधा प्रदान करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल 1: बरेली-सितारगंज हाईवे की लंबाई कितनी है और यह किन-किन क्षेत्रों को जोड़ेगा?
उत्तर: बरेली-सितारगंज हाईवे 71 किलोमीटर लंबा है, और यह बरेली, पीलीभीत और उधम सिंह नगर को सीधे जोड़ेगा।
सवाल 2: प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत क्या है, और इसे कौन पैसे देगा?
उत्तर: प्रोजक्ट की अनुमानित लागत 2857 करोड़ रुपये है, और इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा पैसे दिए जाएंगे।
सवाल 3: रूट पर कितने बाइपास बनेंगे और कहां-कहां होंगे?
उत्तर: रूट पर रिठौरा, हाफिजगंज-नवाबगंज, जहानाबाद, अमरिया, बड़हेरिया, नकटपुरा, मालपुरी और सितारगंज सहित आठ बाइपास बनाए जाएंगे.