Monsoon Alert July 2025 : मॉनसून पूरे भारत में सक्रिय हो चुका है और लगभग हर राज्य में बारिश का सिलसिला तेज हो गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार जुलाई महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और सड़क अवरुद्ध होने जैसी घटनाएं पहले ही चिंता बढ़ा चुकी हैं।
अगले 7 दिनों तक रहेगा भारी बारिश का दौर
मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में 1 से 7 जुलाई तक मॉनसून सक्रिय रहेगा। इस दौरान दिल्ली-NCR में हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं चलने के कारण तापमान में गिरावट आई है। साथ ही, हवा की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला।
उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश का अलर्ट
1 जुलाई को पश्चिम उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में बहुत भारी बारिश (≥20 सेमी) होने की संभावना है।
- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में 1 से 7 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है।
- पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 1 जुलाई और फिर 5 से 7 जुलाई तक बारिश हो सकती है।
- उत्तर प्रदेश में 1 से 5 जुलाई तक, जबकि हरियाणा में 1, 6 और 7 जुलाई को भारी बारिश का अनुमान है।
मध्य भारत में मॉनसून की जबरदस्त दस्तक
- मध्य प्रदेश में 1 जुलाई को कुछ इलाकों में बहुत भारी बारिश की संभावना है।
- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 1 से 7 जुलाई तक लगातार भारी बारिश हो सकती है।
- 2 जुलाई और फिर 5 से 7 जुलाई के बीच मध्य प्रदेश में फिर से भारी बारिश का दौर लौटेगा।
पूर्वी भारत में भीगने के पूरे आसार
- बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 1 से 5 जुलाई तक बारिश की संभावना है।
- झारखंड में 1 जुलाई को और ओडिशा में 1 से 3 जुलाई तक कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
- इस दौरान गरज और बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।
दक्षिण भारत में भी मॉनसून का असर
- आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में 1 जुलाई को,
- तेलंगाना में 1 और 2 जुलाई को,
- केरल और माहे में 2 से 5 जुलाई,
- कर्नाटक के तटीय और उत्तरी अंदरूनी हिस्सों में 2 से 7 जुलाई तक,
- और दक्षिणी कर्नाटक के अंदरूनी इलाकों में 3 से 7 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है।
- साथ ही, 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में क्या रहेगा हाल
- कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
- सौराष्ट्र और कच्छ में भी अगले 7 दिनों में मूसलधार बारिश की संभावना बनी हुई है।
- पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ इलाकों में तेज बिजली और भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
मॉनसून की दिशा और सिस्टम की स्थिति
1 जुलाई को सुबह 8:30 बजे बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के पास बना कम दबाव का क्षेत्र झारखंड के आसपास सक्रिय देखा गया। इसके साथ ही, मध्य स्तर तक फैला एक चक्रवातीय दबाव भी बना हुआ है, जो धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है।
उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से झारखंड तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है, जो दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है। वहीं मध्य असम में निचले स्तर पर एक और चक्रवाती हवा का क्षेत्र मौजूद है। ये सभी सिस्टम मिलकर बारिश की तीव्रता और व्यापकता बढ़ा रहे हैं।