Tehri Dam Project: भारत ने बिजली उत्पादन में अपनी जबरदस्त टेक्नोलॉजीकल प्रोसेसस और विकास के साथ दुनिया में तीसरे सबसे बड़े उत्पादक का दर्जा प्राप्त किया है. वर्ष 2023-24 के दौरान देश में 1949 TWh बिजली का उत्पादन हुआ जो भारतीय बिजली क्षेत्र की व्यापकता और क्षमता को दर्शाता है. इस उपलब्धि के पीछे विभिन्न उत्पादन स्रोत जैसे थर्मल हाइड्रो न्यूक्लियर और पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा शामिल हैं.
भारतीय बिजली उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में स्थित टिहरी डैम न केवल भारत का सबसे ऊंचा डैम है. बल्कि दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा डैम भी है. यह डैम भागीरथी नदी पर बना हुआ है और इसे स्वामी रामतीर्थ सागर बांध के नाम से भी जाना जाता है. टिहरी डैम से भारत में सबसे अधिक बिजली उत्पादित की जाती है जिससे प्रतिदिन लगभग 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
टिहरी डैम का इतिहास और विकास
टिहरी डैम के निर्माण की मंजूरी वर्ष 1972 में भारत सरकार द्वारा दी गई थी. निर्माण का काम 1977-78 में शुरू हुआ था और जुलाई 2006 में इससे बिजली उत्पादन शुरू हुआ. इस डैम का निर्माण विश्वस्तरीय तकनीकी दक्षता के साथ किया गया है जिसमें जबरदस्त इंजीनियरिंग और निर्माण कौशल का समावेश है.
भविष्य की चुनौतियाँ और टिहरी डैम की भूमिका
जैसे-जैसे भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को विस्तारित कर रहा है टिहरी डैम जैसे ढांचे उर्जा सुरक्षा के महत्वपूर्ण साधन के रूप में उभर रहे हैं. ये स्थायी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास में मदद कर रहे हैं और भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं.