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हरियाणा के खेतों में बिजली चोरी करने वालों का खेल ख़त्म करने की तैयारी में है खट्टर सरकार, जुर्माना राशि को 4 हज़ार से बढ़ाकर किया ढाई लाख रुपए

आज हमारे पास आपके लिए कुछ बहुत ही जरूरी और जागरूक करने वाली खबर हैं। उत्तरी हरियाणा विद्युत वितरण निगम (एनएचईडीसी) ने हाल ही में हरियाणा में लोगों को बिजली चोरी करने से रोकने के लिए एक इम्पोर्टेन्ट ऑप्शन बनाया है। यदि आप बिजली चोरी करने वालो के खिलाफ उठाये गए कदमों के बारे में जानना चाहते तो हमारे साथ बने रहे। 

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thief of electricity in haRYANA

आज हमारे पास आपके लिए कुछ बहुत ही जरूरी और जागरूक करने वाली खबर हैं। उत्तरी हरियाणा विद्युत वितरण निगम (एनएचईडीसी) ने हाल ही में हरियाणा में लोगों को बिजली चोरी करने से रोकने के लिए एक इम्पोर्टेन्ट ऑप्शन बनाया है। यदि आप बिजली चोरी करने वालो के खिलाफ उठाये गए कदमों के बारे में जानना चाहते तो हमारे साथ बने रहे। 

हरियाणा में बिजली चोरी पर बढ़ा जुर्माना 

उत्तरी हरियाणा विद्युत वितरण निगम (एनएचईडीसी) ने हरियाणा में बिजली चोरी के जुर्माने को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया है। जुर्माने को बड़ा करके, एनएचईडीसी लोगों को यह बताना चाहता है की चंद पैसे बचाने के लिए बिजली चोरी करना कितना महंगा पड़ सकता है । क्योंकि आप भी सोचकर देखें की अगर बिजली का बिल आता है तो वह कई साल जोड़कर भी ढाई लाख नहीं होता लेकिन अगर चोरी करते पकड़ जाते है तो एक बार में ढाई लाख लग जाते है। 

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बिजली चोरी करने वालों को सजा देने का नया तरीका 

नए सर्कुलर के तहत ट्यूबलर कनेक्शन से बिजली चोरी होने पर एनएचईडीसी पहले की तरह प्रति ब्रेक हॉर्स पावर के हिसाब से जुरमाना नहीं लेगा बल्कि अबकी बार प्रति यूनिट के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा। सजा की राशि 6.62 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है। जुर्माने के तरीके में यह बदलाव, प्रक्रिया को ज्यादा आसान बनाता है और यह जाहिर करता है कि जुर्माना सीधे चोरी की गई बिजली की एवरेज या औसत में हो । इस सिस्टम से आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है। 

अगर कोई नलकूप से चोरी करता है तो सजा कैसे तय होगी?

10 बीएचपी हॉर्स पावर के लिए वार्षिक भार 7.46 किलोवाट निर्धारित किया गया है। इसका उपयोग गेहूं और धान की खेती के दौरान ट्यूबवेल से बिजली चोरी करने पर जुर्माने की गणना के लिए किया जाता है। उपयोग की जाने वाली यूनिटों की संख्या इस बात पर आधारित होती है कि 8 घंटे के खेती शक्ति चक्र के दौरान ट्यूबवेल कितनी देर तक चला। और यही वह सिस्टम है जो दर्शाता है कि खेती के दौरान वास्तव में कितनी चोरी हुई थी।

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क्या सरकार बिजली चोरी से लोस्स में है ?

पिछले पांच साल में हरियाणा में 700 करोड़ रुपये बर्बाद हो चुके हैं क्योंकि बिजली की चोरी हुई है। लेकिन बिजली विभाग ने खोए हुए पैसे को वापस दिलाने में काफी मशक्कत की है। जिन ग्राहकों के पास चोरी की बिजली पाई गई थी, वे पहले ही 300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर चुके हैं। वसूली की प्रक्रिया अभी भी चल रही है, यह कार्रवाही दिखाती है कि विभाग बिजली चोरी रोकना चाहता है और नुकसान की भरपाई करना चाहता है।