Haryana : हरियाणा की 15वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर 2024 से शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस सत्र की जानकारी सोमवार को दी। यह सत्र तीन दिन का होगा, जिसमें 13 और 14 नवंबर को दो बैठकें आयोजित की जाएंगी, जबकि 18 नवंबर को तीसरी बैठक होगी। गुरुनानक जयंती (15 नवंबर) और शनिवार-रविवार (16 और 17 नवंबर) के कारण सत्र में इन दिनों अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी बताया कि सत्र की शुरुआत हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से होगी। इसके अलावा, सत्र के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिल भी प्रस्तुत किए जाएंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो इस सत्र को बढ़ाया भी जा सकता है।
राज्यपाल का अभिभाषण
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सत्र के पहले दिन अपना अभिभाषण देंगे, जिसमें वह हरियाणा सरकार की योजनाओं और विकासात्मक उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत करेंगे। सत्र के दौरान विधायी बिल पेश किए जाएंगे। इन बिलों के जरिए राज्य सरकार विभिन्न सुधारों की दिशा में कदम उठा सकती है।
विधानसभा कार्यवाही
विधानसभा में विधानसभा कार्यवाही का संचालन होगा, जिसमें नवनियुक्त विधायकों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे विधानसभा कार्यों और प्रक्रिया के बारे में पूरी तरह से परिचित हो सकें। के नेता के चयन पर सीएम सैनी ने कहा कि यह विपक्ष का आंतरिक मामला है, और वे तय करेंगे कि किसे विपक्ष का नेता चुना जाएगा।
नवनियुक्त विधायकों की ट्रेनिंग
13 नवंबर को सत्र से पहले, नवनियुक्त विधायकों के लिए एक विशेष ट्रेनिंग सत्र आयोजित किया जाएगा। यह ट्रेनिंग शाम 5 बजे होगी, जिसे कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा। इस ट्रेनिंग सेशन में विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही, प्रक्रिया, और विधानमंडल की कार्यशैली के बारे में जानकारी दी जाएगी।
16 विभागों की बैठक
सत्र की शुरुआत से पहले, राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 16 विभागों के अधिकारियों की एक बैठक होगी। बैठक में अधिकारिक जानकारी और तथ्यों को अपडेट करने की योजना पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही हर विभाग अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल करने के लिए तैयार करेगा।
हरियाणा में राजनीति और चुनावी तैयारियां
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का यह समय राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। विधानसभा चुनावों से पहले, बीजेपी अपनी चुनावी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मुख्यमंत्री सैनी और पार्टी के अन्य नेता राज्य की राजनीतिक स्थिति को मजबूती देने के लिए विभिन्न कदम उठा सकते हैं।