Haryana Monsoon 2025 : मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ ने 6 जुलाई को हरियाणा के 6 जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इनमें कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर शामिल हैं. विभाग का कहना है कि 10 जुलाई तक तेज बारिश के आसार बने हुए हैं. राज्य में अब तक औसतन 89.6 एमएम बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश 71.4 एमएम होती है. इस बार 25% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है.
6 जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग चंडीगढ़ ने हरियाणा के छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। यह अलर्ट 6 जुलाई को जारी किया गया और इसके तहत कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यह चेतावनी 10 जुलाई तक प्रभावी रह सकती है।
सामान्य से 25% अधिक वर्षा, आंकड़े चौंकाने वाले
हरियाणा में इस बार अब तक औसतन 89.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि सामान्य बारिश 71.4 एमएम मानी जाती है। यानी प्रदेश में 25% ज्यादा वर्षा हो चुकी है, जो कि मौसम के रुझानों में सक्रिय मानसून का संकेत देता है।
यह आंकड़ा फसलों के लिहाज से फायदेमंद, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बाढ़ या जलभराव की संभावना भी बढ़ा सकता है।
मानसून टर्फ ने बदला रुख, फिर से सक्रिय होने की संभावना
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ के अनुसार, पिछले दिनों मानसून टर्फ दक्षिण दिशा में खिसक गया था, जिससे बारिश में गिरावट आई थी।
अब यह टर्फ उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है और वर्तमान में इसकी उत्तरी सीमा श्रीगंगानगर, भिवानी, आगरा, बांदा, पुरुलिया और कोलकाता होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। इससे एक बार फिर राज्य में वर्षा की सक्रियता बढ़ने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भरी हवाएं
बंगाल की खाड़ी से मानसूनी हवाओं की आमद हरियाणा की तरफ बढ़ रही है। 5 जुलाई की रात से इन हवाओं की सक्रियता में इजाफा होगा।
इन हवाओं के कारण राज्य में बादलों की गड़गड़ाहट, चमक और मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसका असर 10 जुलाई तक प्रदेशभर में देखने को मिलेगा।
प्रदेशभर में बारिश और तापमान में गिरावट की संभावना
इस दौरान राज्य के अधिकतर हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश, कुछ इलाकों में तेज बारिश भी देखने को मिल सकती है।
इस बारिश से तापमान में मामूली गिरावट तो दर्ज की जाएगी, लेकिन वातावरण में नमी बनी रहेगी, जिससे उमस और फफूंदजनित बीमारियों की संभावना भी बढ़ सकती है।
किसानों के लिए अलर्ट: फसलों की सुरक्षा जरूरी
किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल की स्थिति पर नजर बनाए रखें और भारी बारिश से होने वाले नुकसान से बचाव के उपाय करें। धान की रोपाई, सब्जियों की कटाई या छांव व्यवस्था, और जल निकासी की व्यवस्था पहले से करें ताकि फसलों को नुकसान न हो।
नागरिकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता
जिन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, वहां रहने वाले लोगों को खुले इलाकों, बिजली की लाइन और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
नगरपालिकाओं और आपदा प्रबंधन विभागों को भी तैयार रहने को कहा गया है ताकि जलभराव और बिजली से संबंधित घटनाओं को रोका जा सके।
बारिश से राहत भी, लेकिन सतर्कता जरूरी
बारिश का यह दौर एक ओर जहां तापमान में राहत देगा, वहीं बाढ़ और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी बढ़ा सकता है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों को मिलकर सतर्कता बरतनी होगी।