Haryana: हरियाणा सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पिछड़ा वर्ग (BC) को आरक्षण का लाभ देने का निर्णय लिया है। अब BC (B) श्रेणी को पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में आरक्षण मिलेगा। यह कदम समाज में समान अवसर और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में अहम साबित होगा। इस लेख में हम जानेंगे कि यह कदम हरियाणा के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में कैसे एक बदलाव ला सकता है और इसके फायदे क्या हो सकते हैं।
हरियाणा सरकार ने अब तक BC (A) को 8% आरक्षण दिया था, जबकि BC (B) को 5% आरक्षण मिलेगा। इस फैसले से BC (B) श्रेणी के लोग पंचायती राज संस्थाओं जैसे पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद जैसे स्थानीय निकायों में आरक्षित सीटों का हिस्सा बन सकेंगे।
यह कदम आगामी चुनावों में BC (B) के लिए सीटों की व्यवस्था को लेकर अहम साबित होगा। राज्य सरकार अगले चुनावों के दौरान इन सीटों का निर्धारण करेगी, जिससे BC (B) के उम्मीदवारों को बेहतर अवसर मिल सकेगा।
हरियाणा में BC (B) को आरक्षण मिलने से स्थानीय राजनीति में इन वर्गों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित होगी। इससे BC (B) को न केवल राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलेगा, बल्कि उनका सामाजिक समावेश भी बढ़ेगा।
BC (B) के उम्मीदवार अब पंचायतों और स्थानीय निकायों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे, जिससे उनकी आवाज़ अधिक प्रभावशाली बनेगी। इस आरक्षण के माध्यम से BC (B) श्रेणी के लोग समाज के विकास में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। इससे समाज में समान अवसरों की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जाएगा, जहां हर वर्ग को अपनी भागीदारी का मौका मिलेगा।
कैथल के कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने इस बिल पर चर्चा करते हुए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि राज्य के पिछड़े वर्ग को आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में मिलना चाहिए। उनका सुझाव था कि BC (A) और BC (B) के लिए कुल 27% आरक्षण दिया जाए, जो दोनों वर्गों की आबादी के हिसाब से उचित होगा।
जनवरी 2025 में हरियाणा में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव होने की संभावना है। इस समय तक BC (B) के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण कर लिया जाएगा। इस कदम से न केवल इन श्रेणियों के लोगों को बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलेगा, बल्कि इससे सामाजिक समावेश भी बढ़ेगा।