कोटा में नई तकनीक की मदद से तैयार हो रही देश की पहली 8 लेन सुरंग, सैंकड़ों सेंसर लगाकर रखी जाएगी निगरानी
आज के आर्टिकल में, हम भारत की सबसे शानदार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक - दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे सुरंग के बारे में बात करने जा रहे हैं। यह इंजीनियरिंग का चमत्कार न केवल परिवहन में क्रांति लाएगा बल्कि इसका उद्देश्य पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए बगैर काम करना है । तो, आइए इस शानदार सुरंग के बारे में मजे लेकर जानते है ताकि समझने में आसानी हो।

आज के आर्टिकल में, हम भारत की सबसे शानदार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक - दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे सुरंग के बारे में बात करने जा रहे हैं। यह इंजीनियरिंग का चमत्कार न केवल परिवहन में क्रांति लाएगा बल्कि इसका उद्देश्य पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए बगैर काम करना है । तो, आइए इस शानदार सुरंग के बारे में मजे लेकर जानते है ताकि समझने में आसानी हो।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए सुरंग क्यों बनाई जा रही है?
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वन्य जीवन के नुकसान को कम करने के लिए, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में 5 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग प्राकृतिक आवास को सेफ रखते हुए, एक्सप्रेसवे को रिजर्व से गुजरने में मदद करेगी।
सुरंग की खासियत क्या है ?
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए बनाई जा रही सुरंग, इतनी लम्बी भारत की पहली आठ लेन वाली सुरंग है। इसे 120 किमी/घंटा तक की स्पीड से यात्रा करने वाले वाहनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सुरंग बहुत ज्यादा हाई टेक्नोलॉजी से बनाई गयी है जैसे आग लगने का पता चल जाएगा, पोलुशन कण्ट्रोल, ताजी हवा के लिए अलग सिस्टम और ट्रैफिक मैनेज करने के लिए सेंसर लगे होंगे। इसमें मोबाइल और इंटरनेट नेटवर्क के साथ-साथ एफएम रेडियो फ्रीक्वेंसी भी आसानी से उपलब्ध होगी।
सुरंग बनाने में आने वाली दिक्क्तें
सुरंग के निर्माण में मैन तो पर्यावरण और वन्य जीवों से रिलेटेड मुद्दों का सामना करना पड़ा । पर्यावरण और नेचर रिलेटेड विभागों से परमिशन मिलने में काफी टाइम लग गया । इसके अतिरिक्त, मलबे के निपटान के संबंध में चुनौतियों का समाधान किया जाना था। नतीजतन, सुरंग निर्माण की पूर्णता तिथि बढ़ानी पड़ी।
सुरंग निर्माण के लिए कितने आदमी काम लगे है ?
सुरंग के निर्माण में इंजीनियरों, सुपरवाइजरों और सुरंग विशेषज्ञों के साथ साथ 700 से ज्यादा व्यक्ति शामिल है । भारत के अलग अलग राज्यों में सुरंग निर्माण का एक्सपीरियंस रखने वाले ये पेशेवर कर्मचारी समय पर पूरा करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं। ड्रिल जंबो मशीनों को स्पेशली स्वीडन से मंगवाया गया है , इसके बाद पुरे कण्ट्रोल के साथ विस्फोट करके मलबे को हटाया जा रहा है।
सुरंग के अंदर सेफ्टी क्या है ?
सुरंग कई बातों को लागू करके सेफ्टी को फर्स्ट प्रायोरिटी देगी। पॉसिबल खतरों की निगरानी करने के लिए स्मोक डिटेक्टर सहित इमरजेंसी सेंसर भी लगाए जाएंगे। और हाँ इसमें पैदल चलने वालों के लिए गाड़ियों को रोकना सख्त मना है और इस बात पर जुरमाना भी लग सकता है इसलिए सुरंग में प्रत्येक ट्यूब के भीतर फुटपाथ और 15 मीटर चौड़ा सड़क मार्ग होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल 1: सुरंग कितनी लंबी होगी?
उत्तर: सुरंग लगभग 5 किलोमीटर तक फैलेगी, जिससे यह भारत की इतनी लंबाई की पहली आठ लेन वाली सुरंग बन जाएगी।
सवाल 2: टनल कब तक बनकर तैयार हो जाएगी?
उत्तर: शुरुआती चुनौतियों और मंजूरी में देरी के कारण निर्माण की टाइम लिमिट बढ़ानी पड़ी। हालांकि, सुरंग को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।