Cauliflower Cultivation: कभी पारंपरिक धान की खेती पर निर्भर रहने वाले किसान अब फूल गोभी की खेती से बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं। बिहार के कुछ प्रमुख इलाकों में किसानों ने अपनी मेहनत और समझदारी से पारंपरिक खेती को छोड़कर मौसमी सब्जियों की खेती की शुरुआत की और इसके जरिए अपना जीवनस्तर बेहतर किया। इन किसानों के लिए फूल गोभी की खेती ने न केवल आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की, बल्कि उनके गांवों का हुलिया भी बदल दिया।
फूल गोभी की खेती से किसानों को क्या लाभ है?
फूल गोभी की खेती ने कई किसानों को खेती के पुराने तरीके से बाहर निकालकर एक नया रास्ता दिखाया है। फूल गोभी की खेती से किसानों को एक अच्छा मुनाफा हो रहा है। प्रति बीघा खेत पर 40-50 हजार रुपये की कमाई हो रही है, जो पारंपरिक खेती से कहीं अधिक है।
फूल गोभी जैसे मौसमी उत्पादों का बाजार मूल्य अच्छा होता है, जिससे किसानों को बेहतर कीमत मिलती है। अब केवल युवा नहीं, बल्कि पुराने किसान भी इस खेती से लाभ उठा रहे हैं। बेहतर आय होने के कारण गांव के युवा अब बाहर काम करने के लिए नहीं जा रहे हैं।
फूल गोभी के उत्पादन का लाभ
यह फसल तीन से चार बार उत्पादन करती है। पहले उत्पादन की हार्वेस्टिंग 15 अक्टूबर से शुरू होती है और फिर चार बार इस फसल का उत्पादन किसानों को अच्छे बाजार भाव में बिकता है। इसके बाद, इस क्षेत्र से तैयार फूल गोभी की सप्लाई आरा, पटना, बिक्रमगंज और यूपी के बलिया तक की जाती है।
फूल गोभी की खेती में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
आगत वेराइटी की खेती महंगी होती है, और शुरू में कुछ जोखिम होता है। समय पर बुआई और हार्वेस्टिंग करना बेहद महत्वपूर्ण है, वरना बाजार में फूल गोभी की कीमतें घट सकती हैं। पौधों को अच्छे से देखना, गुड़ाई और निकाई करना जरूरी होता है, ताकि फसल को नुकसान न पहुंचे।
किसानों की सफलता की कहानी
यहां के किसान अब पारंपरिक खेती से बाहर निकलकर फूल गोभी की खेती को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने लगे हैं। किसानों का कहना है कि अब खेती से होने वाली कमाई पहले से कहीं ज्यादा है। इन गांवों के किसानों की मेहनत ने उन्हें एक नई दिशा दी है और उन्होंने साबित कर दिया है कि सोच और प्रयास से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।