Bank Bharti: अगर आप भी सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, खासकर बैंकिंग क्षेत्र में, तो आपके लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में एक बेहतरीन अवसर है। भारतीय स्टेट बैंक, जो कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 10,000 नए कर्मचारियों की भर्ती करने जा रहा है। इसमें पीओ (प्रोबेशनरी ऑफिसर), क्लर्क, और कई अन्य पदों पर भर्तियां होंगी। बैंक ने यह निर्णय अपनी प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाने और सामान्य बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया है।
एसबीआई की नई भर्ती योजना
भारतीय स्टेट बैंक ने आने वाले वित्त वर्ष में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करने का ऐलान किया है। यह भर्ती सामान्य बैंकिंग कार्यों के साथ-साथ बैंक के डिजिटल चैनलों को मजबूती देने के लिए भी की जाएगी। बैंक ने हाल ही में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी कई नौकरियां घोषित की हैं, जैसे कि डेटा वैज्ञानिक, नेटवर्क ऑपरेटर, डेटा आर्किटेक्ट आदि।
SBI के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा, “हम प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सामान्य बैंकिंग पक्ष पर भी अपने कार्यबल को मजबूत कर रहे हैं। इस भर्ती के तहत, 8,000 से 10,000 नए कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।”
भर्ती प्रक्रिया और पद
प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO)
क्लर्क (Clerk)
टेक्निकल विशेषज्ञ (जैसे डेटा वैज्ञानिक, डेटा आर्किटेक्ट)
नेटवर्क ऑपरेटर और अन्य प्रौद्योगिकी संबंधित पद
एसबीआई की यह भर्ती योजना दोनों, सामान्य बैंकिंग कार्यों और तकनीकी विशेषज्ञता में वृद्धि के उद्देश्य से बनाई गई है।
बैंक के नेटवर्क का विस्तार
SBI के चेयरमैन ने यह भी बताया कि बैंक का नेटवर्क इस वर्ष में 600 नई शाखाएं खोलने की योजना बना रहा है। मार्च 2024 तक, एसबीआई के पास 22,542 शाखाओं का नेटवर्क होगा, जो पूरे देश में फैला हुआ है। इससे यह साबित होता है कि SBI न केवल अपनी तकनीकी क्षमता को बढ़ा रहा है, बल्कि ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रहा है।
कर्मचारियों के लिए कौशल विकास
SBI की भर्ती प्रक्रिया केवल नई नौकरियों के लिए नहीं है, बल्कि बैंक कर्मचारियों के कौशल को उन्नत करने के लिए भी लगातार प्रयास कर रहा है। बैंक ने अपने कर्मचारियों को नए कौशल सिखाने और उन्हें नई तकनीकों से अवगत कराने की प्रक्रिया शुरू की है।
SBI चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा, “हमारे ग्राहक की अपेक्षाएं लगातार बदल रही हैं और डिजिटलीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण, हमें अपने कर्मचारियों को नई तकनीकों के साथ तालमेल बैठाने के लिए प्रशिक्षित करना होगा।”