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Haryana News: हरियाणा के सभी स्कूल 1 जनवरी से 15 जनवरी तक रहेंगे बंद, बोर्ड कक्षाओं के स्टूडेंटस की जारी रहेगी पढ़ाई

सर्दियों की छुट्टियों के दौरान, हरियाणा में सरकारी और निजी दोनों स्कूल 1 जनवरी से 15 जनवरी तक बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान कक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक फिर से शुरू होंगी। जो शिक्षक इस दौरान अतिरिक्त कक्षाएं लेना चाहते हैं उन्हें स्कूल के नियमों के अनुसार आवेदन करना होगा।
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सर्दियों की छुट्टियों के दौरान, हरियाणा में सरकारी और निजी दोनों स्कूल 1 जनवरी से 15 जनवरी तक बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान कक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक फिर से शुरू होंगी। जो शिक्षक इस दौरान अतिरिक्त कक्षाएं लेना चाहते हैं उन्हें स्कूल के नियमों के अनुसार आवेदन करना होगा।

एडवेंचर कैंप में बच्चों को नहीं भेजना चाहते अभिभावक

हरियाणा विद्यालय शिक्षा परियोजना परिषद ने दिव्यांग बच्चों को एडवेंचर कैंप में भेजने की तैयारी कर ली है। हालांकि, कई माता-पिता अपने बच्चों को कैंप में भेजने से मना कर रहे हैं क्योंकि बाहर बहुत ठंड है। कुछ अभिभावकों का कहना है कि सरकार ने कड़ाके की ठंड के कारण 1 से 15 जनवरी तक स्कूल की छुट्टी घोषित कर दी है और 2 से 7 जनवरी तक दिव्यांग बच्चों को कैंप में ले जाने का कोई कारण नहीं है. अगर बच्चे कैंप में जाते हैं तो उनका बीमार होना स्वाभाविक है।

परियोजना परिषद ने प्रत्येक जिले के 40-40 दिव्यांग बच्चों को पंचकूला के भूरी व टिक्करताल में एडवेंचर कैंप में लेकर जाने की तैयारी की है। प्रत्येक जिले से जाने वाले बच्चों के लिए 31900 रुपये का बजट जारी किया है। इसमें प्रदेश के द्विव्यांग विद्यार्थियों को दो बैच में लेकर जाएंगे। पहले बैच में अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, जींद, झज्जर, कैथल और कुरुक्षेत्र के 440 दिव्यांग बच्चे पंचकूला के भूरी के लिए रवाना होंगे। 

दूसरे जत्थे में देश के विभिन्न हिस्सों से 440 बच्चे टिक्कर्ताल में शिविर के लिए रवाना होंगे। विशेष शिक्षक विजय शर्मा का कहना है कि विकलांग बच्चों की मदद करने के लिए यह एक अच्छी योजना है, लेकिन कुछ माता-पिता अपने बच्चों को भेजने से मना कर रहे हैं क्योंकि अभी बाहर बहुत ठंड है। मौसम ठीक होने के बाद ही शिविर का आयोजन करना चाहिए। मगर इस समय ठंड अधिक रहती है जिसके कारण बच्चों को बीमार होने का डर बना है। द्विव्यांग बच्चों के अभिभावक उन्हें कैंप में भेजने से मना कर रहे है। ऐसे में ठंड से राहत मिलने के बाद ही कैंप का आयोजन करना चाहिए।