New Expressway: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने देशभर में सड़कों के जाल को बिछाने का काम तेजी से किया है. इससे एक शहर से दूसरे शहर तक यात्रा करने में समय की बचत हो रही है और यात्रा अधिक सुविधाजनक (convenient travel) हो गई है. खासकर बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे (BCE) का कर्नाटक सेक्शन जो 71 किलोमीटर लंबा है एक महीने में पूरा होने वाला है. इससे इन दो महानगरों के बीच की दूरी में काफी कमी आएगी और यात्रा समय में भी बड़ी गिरावट आएगी.
एक्सप्रेसवे पर विकास की गति
NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी विलास पी. ब्रह्मणकर ने बताया कि कर्नाटक सेक्शन के अधिकांश हिस्से का निर्माण पूरा हो चुका है और केवल 400 मीटर के सेक्शन पर काम बाकी है. यह विलंब होसकोटे के पास एक मंदिर को दूसरी जगह स्थानांतरित (temple relocation) करने के कारण हुआ है. इसके अलावा टोल कलेक्शन की दरों को अभी अंतिम रूप देना बाकी है. जिससे यात्रा की लागत में और स्पष्टता आएगी.
कनेक्टिविटी और समय की बचत
बेंगलुरु के निवासी जल्द ही इस 71 किलोमीटर के सेक्शन का उपयोग कर सकेंगे. जिससे मलूर और बंगारपेट जैसी जगहों पर यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा. स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है. जिससे यात्रा की गति में काफी तेजी आएगी और यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.
आठ लेन में बनाया जाएगा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे को आगे चलकर आठ लेन में बनाया जाएगा. जिससे इसकी क्षमता और भी बढ़ेगी. यह प्रोजेक्ट NHAI के हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनाया जा रहा है और इसकी पूर्णता की तारीख दिसंबर 2025 तय की गई है. इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने से बेंगलुरु और चेन्नई के बीच की दूरी 350 किलोमीटर से घटकर 260 किलोमीटर रह जाएगी.
क्षेत्रीय विकास और लॉजिस्टिक्स में सुधार
इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा समय में कमी आएगी बल्कि यह एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर के रूप में भी विकसित होगा. इससे माल की आवाजाही में तेजी आएगी और चेन्नई बंदरगाह से कनेक्टिविटी में सुधार होगा. इसके अलावा, इससे संबंधित क्षेत्रों में आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी, जिससे स्थानीय निवासियों को भी लाभ होगा.