आजकल किसान भाई पारंपरिक फसलों के साथ-साथ अन्य कई तरह की फसलों की खेती की और भी काफी ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। दोस्तों आपको बता दें कि ऐसे ही आजकल भारतीय किसान भाई टमाटर की खेती से काफी तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आप भी खेती करके तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो टमाटर की खेती आपके लिए बहुत ही बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है।
टमाटर की खेती का महत्व
भारत में टमाटर की खेती सबसे बड़े पैमाने पर की जाती है। उत्तर भारत में टमाटर की साल में दो बार खेती की जाती है। टमाटर की खेती करने के कई फायदे हैं। जिनमें मुख्य रूप से इसका तेजी से बढ़ना और अधिक मुनाफा देना शामिल है। टमाटर की खेती से किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ मिलता है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
अच्छी फसलों के लिए क्या है जरूरी?
टमाटर की अच्छी फसल के लिए सबसे पहले आपको टमाटर के बीज खेत में न लगाकर नर्सरी में तैयार करने चाहिए। नर्सरी में एक महीने के पौधे तैयार होने के बाद खेत में रोपाई कर देना चाहिए। टमाटर की खेती करते समय ध्यान रखें कि पौधों को ज्यादा गहराई में नहीं लगाना चाहिए। सर्दियों के मौसम में टमाटर की फसल को 6 से 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए।
खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
टमाटर की खेती के लिए दोमट और काली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। वैसे तो आप किसी भी मिट्टी में टमाटर की खेती बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं। टमाटर की खेती के लिए 12 से 21 डिग्री तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। इस तापमान में टमाटर के पौधे अच्छे से बढ़ते हैं और फसल भी अच्छी होती है।
टमाटर की खेती के लिए रोपाई
टमाटर की खेती में रोपाई का विशेष महत्व है। 20 से 25 दिन के पौधे होने पर ही रोपाई करनी चाहिए। रोपाई के लिए क्यारियां बनाकर पौधों को लगाना चाहिए। पौधों को चार्ट सेमी की दूरी पर लगाना चाहिए। जिससे पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके। रोपाई के समय पौधों को अच्छी तरह से पानी देना चाहिए ताकि वे जल्दी से जम सकें।
खाद और उर्वरक
टमाटर की खेती में गोबर की खाद का विशेष महत्व है। खेत में गोबर की खाद 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर डालनी चाहिए। इसके अलावा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी के जांच के आधार पर ही करना चाहिए। इससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और फसल अच्छी होती है।
सिंचाई और देखभाल
टमाटर की फसल के लिए नियमित सिंचाई और देखभाल आवश्यक है। सर्दियों के मौसम में टमाटर की फसल को 6 से 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए। गर्मियों में यह अंतराल 4 से 5 दिन का हो सकता है। पौधों की देखभाल में निराई-गुड़ाई का भी विशेष महत्व है। समय-समय पर निराई-गुड़ाई करने से पौधों को अच्छे से बढ़ने में मदद मिलती है।
टमाटर की फसल से रोग और कीट नियंत्रण
टमाटर की फसल को रोग और कीटों से बचाना महत्वपूर्ण है। इसके लिए जैविक और रासायनिक दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। जैविक दवाओं का प्रयोग अधिक सुरक्षित होता है और इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है। समय-समय पर फसल की जांच करते रहें और जरूरत पड़ने पर दवाओं का प्रयोग करें।
टमाटर की फसल की कटाई
टमाटर की फसल की कटाई भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। फसल को सही समय पर काटना जरूरी है ताकि उसका बाजार में अच्छा मूल्य मिल सके। टमाटर को सही समय पर काटकर उन्हें बाजार में बेचने से अच्छा मुनाफा होता है। फसल को काटने के बाद उसे अच्छी तरह से पैक करना चाहिए ताकि वह सुरक्षित रहे।
टमाटर की खेती से मुनाफा
अगर आप टमाटर की खेती 1 एकड़ में करते हैं तो साल में आपको लगभग 15 लाख रुपए की तगड़ी कमाई आसानी से हो सकती है। यह मुनाफा टमाटर की अच्छी खेती और सही देखभाल पर निर्भर करता है। टमाटर की फसल से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए उसकी सही देखभाल और उचित समय पर कटाई आवश्यक है।