Mobile Charger: मोबाइल चार्जर के असली होने की पहली पहचान उसके मॉडल नंबर से होती है. हर चार्जर पर एक जरूरी मॉडल नंबर (model number) होता है, जो उसे निर्माता की वेबसाइट पर जाकर वेरिफाई किया जा सकता है. यह स्टेप आपको असली और नकली चार्जर के बीच फर्क समझने में मदद करेगा.
बिल्ड क्वालिटी का महत्व
असली चार्जर की बिल्ड क्वालिटी (build quality of charger) हाई लेवल होती है और यह लोकल चार्जर्स से कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं. चार्जर की सतह, उसका वजन और फिनिशिंग असली होने की निशानी हैं.
पिन और पोर्ट्स की जांच
असली चार्जर के पिन और पोर्ट्स (pins and ports) बिना किसी रुकावट के मोबाइल डिवाइस में फिट हो जाते हैं. जबकि नकली चार्जर्स के पिन अक्सर खराब क्वालिटी के होते हैं और फिट नहीं होते.
चार्जर पर लेबल और टेक्स्ट
असली चार्जर पर सभी जानकारियां जैसे सीरियल नंबर और अन्य महत्वपूर्ण टेक्स्ट (serial numbers and text) स्पष्ट और पढ़ने में आसान होते हैं. नकली चार्जर्स पर यह जानकारी अक्सर धुंधली या गलत होती है.
चार्जिंग की स्पीड
असली चार्जर आमतौर पर तेजी से चार्ज करते हैं क्योंकि वे फास्ट चार्जिंग तकनीक (fast charging technology) से लैस होते हैं. नकली चार्जर अक्सर स्लो चार्जिंग प्रदान करते हैं. जिससे आपके डिवाइस को नुकसान भी पहुंच सकता है.
चार्जर का वजन
असली चार्जर का वजन नकली की तुलना में अधिक होता है. यह वजन हाई क्वालिटी के कम्पोनेंट्स (high-quality components) की वजह से होता है जो अधिक विश्वसनीय और लंबे समय तक परफॉरमेंस की गारंटी देते हैं.
सर्टिफिकेशन मार्क्स का महत्व
असली चार्जर्स पर ISI और BSI जैसे सर्टिफिकेशन मार्क्स (certification marks like ISI and BSI) होते हैं. जो उनके मानकों और सुरक्षा की गारंटी देते हैं. नकली चार्जर्स में ये मार्क्स नहीं होते, जो उन्हें खतरनाक बना सकते हैं.