ताजमहल जो कि विश्व के सात अजूबों में से एक है न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है बल्कि यह एक बड़े राजस्व स्रोत के रूप में भी सामने आता है. पर्यटन के माध्यम से यह हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है जिससे टिकटों की बिक्री से भारी आमदनी होती है.
टिकटों से हुई कुल कमाई
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India, ASI) की ओर से जारी वित्तीय आंकड़ों के अनुसार बीते तीन वर्षों में ताजमहल के टिकटों से कुल 91.23 करोड़ रुपये की आय हुई है. यह आंकड़ा दर्शाता है कि ताजमहल न केवल सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है बल्कि इसका आर्थिक महत्व भी प्रचुर है.
कोविड-19 महामारी के दौरान कमाई में गिरावट
साल 2020-21 में जब दुनिया भर में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लागू था तब ताजमहल से आय में भारी गिरावट देखी गई. उस वर्ष ताजमहल के टिकटों से केवल 5.11 करोड़ रुपये की कमाई हुई जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम थी.
पोस्ट-कोविड रिकवरी और आय में बढ़ोतरी
2021-22 और 2022-23 में, जैसे-जैसे पर्यटन क्षेत्र में सुधार हुआ ताजमहल से आय में भी बढ़ोतरी हुई. 2021-22 में 29.16 करोड़ और 2022-23 में यह आय बढ़कर 56.95 करोड़ रुपये हो गई जो रिकवरी का संकेत देती है.
ताजमहल की आर्थिक भूमिका और भविष्य की योजनाएं
ताजमहल न केवल भारतीय पर्यटन का एक मुख्य आकर्षण है बल्कि यह आय का एक बड़ा स्रोत भी है. ASI की योजनाएं ताजमहल के संरक्षण और रख-रखाव के लिए निरंतर प्रयासों पर केंद्रित हैं ताकि यह न केवल सांस्कृतिक विरासत के रूप में बल्कि आर्थिक संसाधन के रूप में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके.