जब हम ट्रेन में यात्रा कर रहे होते हैं, तो एक सवाल अक्सर हमारे मन में उठता है: “हमारी ट्रेन कहां है?” या अंग्रेजी में कहें तो “Where is My Train?”। हमें यह जानने की इच्छा होती है कि हमारी ट्रेन समय पर चल रही है या लेट है। कौन सा स्टेशन पार किया और कौन सा आने वाला है। आज हम आपको बताएंगे कि यह जानकारी कैसे प्राप्त की जा सकती है और ट्रेन की लोकेशन का पता कैसे लगाया जा सकता है।
गूगल मैप्स से ट्रेन की लोकेशन नहीं, आपकी लोकेशन मिलती है
जब हम ट्रेन की लोकेशन जानने के लिए गूगल मैप्स का उपयोग करते हैं, तो यह हमारी व्यक्तिगत लोकेशन दिखाता है, न कि ट्रेन की। गूगल मैप्स से हमें केवल यह अंदाजा हो सकता है कि हम किधर हैं। लेकिन ट्रेन की सटीक जानकारी नहीं मिलती। इसलिए हमें “Where is My Train” जैसे ऐप्स का सहारा लेना पड़ता है।
Indian Rail Navigator का कमाल
भारतीय रेलवे का एक शानदार प्रोडक्ट है जिसे Larsen & Toubro (L&T) ने डेवलप किया है। इसे Indian Rail Navigator (IRN) या Real Time Train Information System कहा जाता है। यह एक डिवाइस है जो लोको पायलट के केबिन में लगाया जाता है। यह डिवाइस ट्रेन की स्टार्ट स्टेशन से लेकर लास्ट स्टेशन की जानकारी को दर्ज करता है और हमें ट्रेन की रियल टाइम लोकेशन बताता है।
IRN की विशेषताएँ
IRN एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण डिवाइस है जिसमें 7 इंच की टच स्क्रीन होती है। इसमें 1.4 GHz Intel Atom प्रोसेसर होता है और यह लेटेस्ट LTE सिस्टम से लैस होता है, जो हमारे मोबाइल फोन में भी नजर आता है। यह डिवाइस ट्रेन से 12V DC सप्लाई प्राप्त करता है और इसमें वाईफाई राउटर और यूएसबी पोर्ट भी होते हैं। ताकि समय-समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट हो सके।
सेटेलाइट और नेटवर्क ऑपरेटर का योगदान
IRN डिवाइस दो 4G सपोर्ट वाले एन्टीना के साथ आता है। इनमें से एक एन्टीना आसमान में उड़ रहे सेटेलाइट से कनेक्ट होता है और दूसरा नेटवर्क ऑपरेटर से। यहाँ Indian Space Research Organisation (ISRO) की भूमिका अहम होती है। ISRO सेटेलाइट बनाता है और इन्हें रेलवे के नेटवर्क से जोड़ता है।
नेटवर्क ऑपरेटर और रेलवे का खुद का नेटवर्क
नेटवर्क ऑपरेटर का मतलब यहां एयरटेल या जियो नहीं है, बल्कि रेलवे का खुद का नेटवर्क होता है जिसे terrestrial network कहा जाता है। यह नेटवर्क रेडियो सिग्नल का इस्तेमाल करके संपर्क बनाता है। इस डिवाइस का एक्सेस केवल लोको पायलट के पास होता है। लेकिन इसका डेटा “Where is My Train” और National Train Enquiry System (NTES) के पास भी पहुंचता है।
रियल टाइम लोकेशन कैसे मिलती है?
IRN का असल काम रेलवे को ट्रेन की रियल टाइम लोकेशन बताना है। इसका डेटा प्रोसेस करके “Where is My Train” और NTES को भेजा जाता है। जिससे हमें हमारी ट्रेन की रियल टाइम जानकारी मिलती है। यह प्रोसेस बहुत सटीक और तेज होता है। जिससे यात्रियों को सही समय पर सही जानकारी मिलती है।