Aircraft Brakes System: जब भी आप हवाई जहाज में सफर करते हैं या इसे आसमान में उड़ते हुए देखते हैं, तो इसकी तेज गति और ऊंचाई को देखकर आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक है. हवाई जहाज की उड़ान के दौरान इसकी गति 800 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे भी अधिक हो सकती है. इतनी तेज गति के बावजूद जब यह विमान रनवे पर उतरता है, तो यह सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से रुक जाता है. यह प्रक्रिया कितनी जटिल और महत्वपूर्ण होती है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.
क्या होता है हवाई जहाज का ब्रेकिंग सिस्टम?
विमान के ब्रेकिंग सिस्टम का काम उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना कि इसकी उड़ान. यह सिस्टम विमान को सुरक्षित तरीके से रुकने में मदद करता है. चाहे वह जमीन पर हो या हवा में. विमान में तीन प्रकार के ब्रेकिंग सिस्टम होते हैं जो मिलकर काम करते हैं ताकि विमान को सुरक्षित रूप से रुकाया जा सके.
पहला ब्रेक
विमान के टायरों में लगे ब्रेक बिल्कुल उसी तरह काम करते हैं जैसे आपकी कार या मोटरसाइकिल के टायरों में लगे ब्रेक. जब विमान रनवे पर उतरता है और पायलट ब्रेक लगाता है, तो यह टायर ब्रेक सिस्टम सक्रिय हो जाता है. इस ब्रेक सिस्टम की विशेषता यह होती है कि यह उच्च गति पर भी प्रभावी ढंग से काम करता है. रनवे पर लैंडिंग के समय विमान की गति लगभग 200-250 किलोमीटर प्रति घंटा होती है और इस गति पर टायर ब्रेक विमान को धीरे-धीरे रोकने का काम करता है.
दूसरा ब्रेक
विमान के पंखों में लगे स्पॉयलर भी ब्रेकिंग प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. स्पॉयलर दरअसल पंखों के ऊपर लगे होते हैं और लैंडिंग के दौरान ये ऊपर उठ जाते हैं. स्पॉयलर का काम हवा के प्रवाह को बाधित करना होता है. जिससे विमान की गति कम हो जाती है. यह ब्रेकिंग सिस्टम विमान को तेजी से रोकने में मदद करता है. खासकर तब जब विमान रनवे पर उतर रहा होता है.
तीसरा ब्रेक
हवाई जहाज के जेट इंजन में रिवर्स थ्रस्ट नामक एक विशेष ब्रेकिंग सिस्टम होता है. यह सिस्टम तब काम में आता है जब विमान रनवे पर उतरता है. रिवर्स थ्रस्ट का मतलब है कि इंजन की दिशा को उल्टी दिशा में घुमाया जाता है. जिससे विमान की गति तेजी से कम हो जाती है. इस प्रक्रिया में विमान के इंजन से निकली हवा की दिशा को बदलकर पीछे की ओर धकेला जाता है. जिससे विमान को रोकने में मदद मिलती है.