Garasia Tribe: राजस्थान का एक गांव जहां गरासिया जनजाति के लोग सदियों से एक अनूठी परंपरा का पालन करते आ रहे हैं. वह है लिव-इन रिलेशनशिप में रहना. इस जनजाति में शादी से पहले लंबे समय तक साथ रहने की प्रथा है. जो न केवल उनकी सांस्कृतिक विशेषता है बल्कि एक सामाजिक स्वीकृति भी प्रदान करती है.
महिलाओं को मिली आजादी और समानता
गरासिया जनजाति में महिलाओं को अपने जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी होती है. यहाँ महिला यह निर्णय ले सकती है कि उसे किसके साथ रहना है और किसके साथ नहीं. इस प्रकार की आजादी (Women’s Freedom) महिलाओं को अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसले खुद लेने की क्षमता प्रदान करती है.
वार्षिक गौर मेला
इस जनजाति की सबसे दिलचस्प परंपरा में से एक है वार्षिक गौर मेला, जहां युवा लड़के और लड़कियां अपने लिए साथी चुनते हैं. यह मेला (Festival) एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. जहां युवा एक-दूसरे को समझ सकते हैं और अपने लिए उपयुक्त साथी चुन सकते हैं.
आर्थिक समर्थन और सामाजिक मान्यता
जब एक जोड़ा लिव-इन में रहने के बाद वापस आता है, तो लड़के के परिवार द्वारा लड़की के परिवार को आर्थिक समर्थन (Financial Support) प्रदान किया जाता है. यह प्रथा न केवल लड़की के परिवार को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करती है, बल्कि इससे उनके संबंधों को भी सामाजिक मान्यता मिलती है.
बच्चा होने के बाद शादी की प्रथा
गरासिया जनजाति में एक अन्य परंपरा यह है कि यदि लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान बच्चा पैदा हो जाता है, तो उसके बाद ही शादी (Marriage) की जाती है. यह प्रथा उस संबंध की स्थिरता और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करती है.