Haryana Assembly: हरियाणा विधानसभा में चंडीगढ़ पर नियंत्रण का मुद्दा एक बार फिर से गरमाया है. हाल ही में उठे इस मसले पर सभी दलों से एकजुटता की अपील की गई है. चंडीगढ़ में नए विधानसभा परिसर के निर्माण का प्रस्ताव जिस पर पंजाब सरकार ने विरोध जताया है. वह अब हरियाणा की राजनीति का केंद्रीय विषय बन चुका है.
राजनीतिक एकता की आवश्यकता
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जोर देकर कहा है कि इस मामले में राजनीतिक दलों को दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए. उनका कहना है कि चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनने के मसले पर राज्य के सभी दलों को संयुक्त रूप से आगे आना चाहिए.
पंजाब का विरोध और हरियाणा की प्रतिक्रिया
पंजाब सरकार के विरोध के बावजूद हरियाणा के नेता इस बात पर अडिग हैं कि चंडीगढ़ पर उनका भी समान अधिकार है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने इस बात की मांग की है कि हरियाणा को अपने अधिकारों से पीछे हटना नहीं चाहिए और चंडीगढ़ में नया विधानसभा परिसर बनाने का अधिकार हरियाणा का है.
विवादित मुद्दों पर चर्चा
चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब के साथ पानी के बंटवारे और हिंदी भाषी गांवों पर अधिकार जैसे मुद्दे भी हरियाणा विधानसभा में चर्चा के केंद्र में रहे. इन मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और यह बात सामने आई कि हरियाणा के नेता इन मुद्दों पर पंजाब के साथ किसी भी प्रकार के समझौते के खिलाफ हैं.
सर्वदलीय मीटिंग की आवश्यकता
विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने सभी दलों के नेताओं से इस मसले पर सर्वदलीय मीटिंग करने की अपील की है. उन्होंने इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की मांग की है ताकि चंडीगढ़ पर नियंत्रण के संबंध में एक सामूहिक रुख अपनाया जा सके.