Haryana News: हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने हाल ही में 38 किसानों पर अगले दो खरीद सत्रों में एमएसपी (Minimum Support Price) पर फसल बेचने से रोक लगा दी है। यह कार्रवाई पराली जलाने (stubble burning) की समस्या के चलते की गई है, जिससे वायु प्रदूषण में इजाफा होता है। विभाग के निर्देश के अनुसार इस कड़ी कार्रवाई का मकसद पराली जलाने पर पूर्णतया रोक लगाना है।
विभाग की कड़ी नीतियां
विभाग ने जारी किया गया सर्कुलर सख्त लहजे में था। जिसमें पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उन्हें दो खरीद सत्रों के लिए ई-खरीद पोर्टल से बाहर करने की बात कही गई है। इसके अलावा ऐसे किसानों के ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। जिससे उन्हें एमएसपी (MSP enforcement) पर फसल बेचने का अवसर नहीं मिलेगा।
किसानों पर जुर्माने का विवाद
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस कार्रवाई को किसान विरोधी बताया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पराली जलाने के लिए किसानों पर लगाए गए जुर्माने को वापस लिया जाए और पराली की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए (support price for crop residue)। उनका कहना है कि किसानों को दंडित करने के बजाय उन्हें समर्थन और समाधान प्रदान किया जाना चाहिए।
समाधान की ओर प्रयास
इस पूरे मामले में किसान संगठनों ने भी आवाज उठाई है। उनका कहना है कि सरकार को पराली जलाने की समस्या के समाधान के लिए व्यावहारिक और टिकाऊ उपाय (sustainable solutions for stubble burning) खोजने चाहिए जैसे कि पराली को बिजली उत्पादन में उपयोग करना या इसे खाद में परिवर्तित करना। इस प्रकार के उपाय न केवल पर्यावरण की रक्षा करेंगे। बल्कि किसानों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होंगे।