दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। द्वारका एक्सप्रेसवे को गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नए फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। यह निर्माण कार्य न केवल यातायात की सुगमता बढ़ाएगा। बल्कि पटौदी और रेवाड़ी जाने वाले यात्रियों के समय की भी बचत करेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस प्रोजेक्ट के लिए अभी हाल ही में आधारशिला रखी है।
निर्माण कार्य की विस्तृत जानकारी
इस परियोजना के तहत द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-88ए और 88बी के बीच में से एक नया रास्ता निकाला जा रहा है। जो सीधे रेवाड़ी तक जाएगा। इस फ्लाईओवर की लंबाई 183 मीटर होगी। जिससे यह दोनों मुख्य एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। एनएचएआई के अनुसार यह निर्माण कार्य अगले साल मार्च तक पूरा होने की संभावना है।
परियोजना में विलंब के कारण
यह फ्लाईओवर मूल रूप से साल 2022 में पूरा होना था। लेकिन विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण इसमें देरी हुई। विशेष रूप से हाईटेंशन लाइनों को स्थानांतरित करने में आई दिक्कतों ने प्रोजेक्ट को प्रभावित किया। एनएचएआई के परियोजना अधिकारी योगेश तिलक के अनुसार इस कार्य के लिए अतिरिक्त समय और संसाधनों की आवश्यकता पड़ी।
प्रभावित समुदाय और पर्यावरणीय चिंताएं
इस परियोजना के चलते स्थानीय समुदायों, विशेषकर सेक्टर-37डी में स्थित रॉयल ग्रीन रियलिटी कोर्ट यार्ड के निवासियों पर काफी प्रभाव पड़ा है। निर्माण स्थल के निकट रहने वाले लोगों को धूल और शोर से परेशानी हो रही है। इसके अलावा पर्यावरणीय चिंताएं भी सामने आई हैं। जिसमें वन्यजीवों के आवास में व्यवधान और पेड़ों की कटाई शामिल है। परियोजना प्रबंधन ने इसके लिए कुछ हरित पहलकदमियों की योजना बनाई है। जिससे पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
इस फ्लाईओवर के निर्माण से न केवल यातायात में सुधार होगा। बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी। इस परियोजना से जुड़े निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। आसपास के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी इससे लाभ हो रहा है। क्योंकि यातायात के बढ़ने से ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
भविष्य की संभावनाएं
एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन का मानना है कि यह नया फ्लाईओवर न केवल मौजूदा यातायात की समस्याओं का समाधान करेगा। बल्कि भविष्य में इस क्षेत्र के विकास के लिए भी एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। इससे निवेशकों का भी आकर्षण बढ़ेगा, जो इस क्षेत्र में और अधिक विकास को प्रेरित करेगा।