Milk Plant: हरियाणा के जींद में स्थित वीटा मिल्क प्लांट को फुली ऑटोमैटिक बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इस बदलाव से न केवल उत्पादन की दक्षता बढ़ेगी बल्कि स्थानीय किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.
तकनीकी उन्नति और सामाजिक प्रभाव
गुजरात और विदेश से आई मशीनों की स्थापना के साथ जींद उपायुक्त एवं चेयरमैन, इमरान रजा के अनुसार वीटा मिल्क प्लांट ने न केवल जींद की बल्कि पूरे हरियाणा की पहचान को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है. इस परिवर्तन से आसपास के जिलों के किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है.
आर्थिक निवेश और रिटर्न
वीटा मिल्क प्लांट परियोजना में 3 करोड़ रुपये से अधिक की लागत लगाई जा रही है. जिससे उत्पादों की गुणवत्ता और स्वच्छता में महत्वपूर्ण सुधार होगा. यह निवेश न केवल प्लांट को अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक ले जाएगा बल्कि स्थानीय उत्पादन को भी बढ़ावा देगा.
उत्पादन क्षमता और मार्केट प्रभाव
मोहम्मद इमरान रजा के अनुसार वीटा मिल्क प्लांट में प्रतिदिन डेढ़ लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग होती है, जिससे देसी घी, दही, पनीर और मिठाई जैसे उत्पाद तैयार होते हैं. इससे न केवल हरियाणा बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी इसकी बड़ी मांग है.
प्रोजेक्ट की समयसीमा और अपेक्षाएँ
सीईओ नरेंद्र धानिया ने बताया कि मार्च 2025 तक वीटा मिल्क प्लांट के पूर्ण ऑटोमैटिकीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इससे प्लांट की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा. जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग और बढ़ेगी.