अंबाला से कालाआम्ब तक का 31 किलोमीटर लंबा नया ग्रीनफील्ड फोरलेन जल्द ही तैयार होने वाला है। इस राजमार्ग का निर्माण हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसे जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है और वर्तमान में 50 प्रतिशत काम पहले ही सम्पन्न हो चुका है।
इस परियोजना की विशेषताएँ
NHAI के अधिकारियों के अनुसार इस राजमार्ग पर काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि यह निर्धारित समय से पहले ही पूरा हो जाएगा। अंबाला में चल रही NHAI की अन्य परियोजनाओं में मिट्टी की उपलब्धता को लेकर समस्याएँ आ रही हैं, परंतु इस परियोजना में ऐसी कोई बाधा नहीं है। निर्माता कंपनी ने पहले से ही पर्याप्त मिट्टी का संग्रह कर लिया था, जिससे इस परियोजना की समय पर पूर्ति में सहायता मिली है।
यातायात और संपर्क में सुधार
यह नया मार्ग यमुनानगर जाने वाले मार्ग से जुड़ेगा जिससे अंबाला से यमुनानगर जाने वाले यात्रियों को फोरलेन की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में अंबाला से कालाआम्ब तक का मार्ग दो लेन का है और पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है जहाँ यातायात का दबाव काफी अधिक है। नए राजमार्ग के बनने से न केवल यातायात का दबाव कम होगा बल्कि लोगों को यात्रा का एक और बेहतर ऑप्शन भी मिलेगा।
औद्योगिक विकास में बढ़ोतरी
कालाआम्ब जो कि एक औद्योगिक क्षेत्र है इस राजमार्ग के बनने से विशेष लाभान्वित होगा। यहाँ की इंडस्ट्रीज को नए राजमार्ग की सुविधा से न केवल माल ढुलाई में सुविधा होगी बल्कि वाणिज्यिक गतिविधियों में भी सुधार होगा।
उत्तराखंड के साथ संपर्क मजबूती
इस राजमार्ग की मदद से उत्तराखंड की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। शहजादपुर से होते हुए यमुनानगर राजमार्ग पर आसानी से पहुंचना संभव होगा, जिससे हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के साथ उत्तराखंड का सीधा संपर्क स्थापित होगा और इससे तीनों राज्यों के बीच व्यापार और पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।