Honey Never Spoils: प्राचीन काल से ही शहद का उपयोग विभिन्न संस्कृतियों में व्यापक रूप से होता आ रहा है और आयुर्वेद (Ayurveda) में भी इसके स्वास्थ्यवर्धक लाभों का विस्तार से वर्णन मिलता है. शहद को न केवल भोजन के रूप में बल्कि एक औषधी के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. यह हृदय, त्वचा और पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है.
शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutritional Components in Honey)
शहद में विविध प्रकार के कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates in honey), विटामिन बी-6, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन सी और आवश्यक एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं. ये सभी तत्व मिलकर शहद को एक उच्च पोषण युक्त खाद्य पदार्थ बनाते हैं जो ऊर्जा का एक श्रेष्ठ स्रोत होता है.
शहद की एक्सपायरी डेट का मिथक (Myth of Honey’s Expiry Date)
आमतौर पर हम सभी खाद्य पदार्थों की एक्सपायरी डेट (Expiry date) की जांच करते हैं. लेकिन शहद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसकी कोई निर्धारित समाप्ति तिथि नहीं होती. यूएसडीए के अनुसार यदि ठीक से संग्रहित किया जाए तो शहद कभी खराब नहीं होता.
हजारों वर्षों से शहद का संरक्षण (Preservation of Honey for Thousands of Years)
वैज्ञानिकों ने प्राचीन मिस्र की कब्रों (Ancient Egyptian tombs) में हज़ारों साल पुराना शहद पाया है जो अब भी खाने योग्य है. इसका रंग समय के साथ काला हो सकता है. लेकिन इसके पोषक तत्व और स्वाद में कोई कमी नहीं आती.
शहद की अविनाशी प्रकृति (Indestructible Nature of Honey)
नेशनल हनी बोर्ड के अनुसार शहद को यदि उचित तरीके से संग्रहित किया जाए तो यह सैकड़ों साल तक खाया जा सकता है. इसकी अविनाशी प्रकृति इसे एक अनूठा खाद्य पदार्थ बनाती है.
शहद के स्वाद में नहीं आता कोई बदलाव (No Change in Taste Over Years)
शहद वर्षों तक खराब नहीं होता और इसके स्वाद में भी कोई परिवर्तन नहीं आता. यह बात न केवल शहद की गुणवत्ता को दर्शाती है. बल्कि इसे एक विश्वसनीय और टिकाऊ खाद्य संसाधन भी बनाती है.
शहद बनाम शुगर (Honey vs Sugar)
चीनी की तुलना में शहद खाना अधिक लाभकारी (Health benefits) माना जाता है. क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है और इसमें कोई प्रोसेस्ड तत्व नहीं होते. इसका उपयोग वजन प्रबंधन, ऊर्जा वृद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए किया जाता है.