हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। कृषि मंत्री कंवरपाल ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के जींद, हिसार सहित कई जिलों के किसानों की खराब हुई फसलों के मुआवजे के तौर पर 65 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इसके साथ ही किसानों के बैंक खातों में कृषि यंत्रों की खरीद के लिए अनुदान के तौर पर 101 करोड़ रुपये भेजे गए हैं।
कपास की फसल के नुकसान की भरपाई
खरीफ 2023 के दौरान कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित किसानों को 65 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा रही है। यह राशि सीधे तौर पर लगभग 15,314 पात्र किसानों के खातों में वित्तीय सहायता के रूप में दी जाएगी। इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें भविष्य में बेहतर खेती करने में सक्षम बनाना है।
फसल अवशेष प्रबंधन योजनाएं
हरियाणा सरकार पिछले कई वर्षों से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। वर्तमान में 101 करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में कृषि यंत्रों की खरीद पर दिए जाने वाले अनुदान के रूप में जमा करवाई गई है। इससे किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद में मदद मिलेगी और वे बेहतर तरीके से खेती कर सकेंगे।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद पर अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी प्रदान की गई है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने इस योजना के तहत 4 अगस्त तक आवेदन आमंत्रित किए हैं। जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं। वे विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
फसल बदलने पर सूचना देना अनिवार्य
किसानों को फसल बदलकर बुवाई करने पर अपनी संबंधित बैंक शाखा को सूचना देना अनिवार्य है। इससे सही फसल का बीमा हो सकेगा और किसानों को क्लेम राशि समय पर मिल सकेगी। जिन किसानों ने बैंकों से फसली ऋण नहीं लिया है। वे सभी किसान सीएससी केंद्रों पर जाकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की वेबसाइट पर भी किसान अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
फसल बीमा योजना का विस्तार
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2024 के लिए कलस्टर एक में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस बीमा कंपनी द्वारा बीमा किया जा रहा है। कलस्टर दो में एचडीएफसी एगों और कलस्टर तीन में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा फसलों को बीमित करने के लिए चयन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से बचाना है।