Farming Tips: पपीते के साथ केले की खेती करके किसान हो सकते है मालामाल, सरकार की तरफ से मिलेगी ट्रेनिंग और सब्सिडी

By Uggersain Sharma

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Bananas Cultivation With Papaya

Farming Tips: भारत में कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है और इस क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए सरकार समय-समय पर नई योजनाएं और सब्सिडी लेकर आती रहती है। किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से सरकार विभिन्न उपाय कर रही है। जिनमें सब्सिडी प्रदान करना, नई तकनीकों की ट्रेनिंग और खेती के नए तरीकों को प्रोत्साहित करना शामिल है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने किसानों के लिए पपीता और केले की खेती पर सब्सिडी प्रदान करने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है।

पपीता और केले की खेती पर 50 प्रतिशत सब्सिडी

राज्य सरकार ने पपीता और केले की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत केले की खेती के लिए किसानों को दो किस्तों में सब्सिडी मिलेगी। पहले वर्ष में 46,875 रुपये और दूसरे वर्ष में 15,625 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना 0.25 एकड़ से लेकर अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) तक के किसानों के लिए उपलब्ध होगी। इसी प्रकार पपीते की खेती के लिए पहले वर्ष में 33,750 रुपये और दूसरे वर्ष में 11,250 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।

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किस प्रकार के किसान कर सकते हैं आवेदन

केले की खेती के लिए राज्य के 15 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं। इनमें अरवल, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, नवादा, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, और शेखपुरा शामिल हैं। पपीते की खेती के लिए सब्सिडी हेतु सभी जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का लाभ रैयत और गैर रैयत दोनों प्रकार के किसानों को मिलेगा। रैयत किसान वे होते हैं जो स्वयं की भूमि पर खेती करते हैं। जबकि गैर रैयत किसान वे होते हैं जो रैयत किसान की भूमि पर खेती करते हैं।

केले और पपीते की खेती की ट्रेनिंग

राज्य सरकार किसानों को पपीता और केले की खेती के लिए न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रही है। उद्यान विभाग द्वारा चयनित किसानों को केले और पपीते की खेती की ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि वे इन फसलों की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इसके अलावा सरकार समय-समय पर किसानों को सलाह देने के लिए विशेषज्ञों को उनके खेतों का दौरा भी करवाएगी। ताकि किसान खेती में आने वाली समस्याओं का समाधान पा सकें और अधिकतम उत्पादन कर सकें।

एक जिला एक उत्पाद योजना

एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत गोपालगंज जिले में पपीते की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही विभाग द्वारा केले की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएगी। बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

केला और पपीते की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इनमें किसान पंजीकरण संख्या, भूमि का एलपीसी प्रमाण-पत्र, नवीनतम भूमि रसीद, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता विवरण और आधार कार्ड शामिल हैं। इन दस्तावेजों के माध्यम से किसान अपनी पात्रता साबित कर सकेंगे और योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

बिहार राज्य के किसान इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री बागवानी मिशन की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/Home.aspx पर जाना होगा। जिन किसानों के पास किसान पंजीकरण संख्या नहीं है। उन्हें पहले बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण करवा कर पंजीकरण संख्या प्राप्त करनी होगी। इसके बाद किसान उद्यान विभाग की वेबसाइट पर जाकर सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए किसान अपने जिले के उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.