बैंगन की खेती खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में की जाती है. यह एक नकदी फसल है और शुष्क एवं गर्म जलवायु में इसकी खेती अच्छी मानी जाती है. बैंगन की खेती से किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. विशेषकर लखीमपुर जिले के किसान बैंगन की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं.
फसल परिवर्तन से मुनाफा
देश के किसान समय-समय पर फसल बदलते रहते हैं ताकि उन्हें अच्छा लाभ मिल सके. वर्तमान समय में किसान बैंगन की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त करना इस फसल की सबसे बड़ी विशेषता है. बैंगन की खेती शुरू करने के 40 से 45 दिनों बाद ही फसल फल देने लगती है. जिससे किसानों को त्वरित मुनाफा प्राप्त होता है.
किसानों का अनुभव और सफलता
लखीमपुर जिले के किसान हरविंदर सिंह ने बताया कि बैंगन के स्वाद ने उन्हें एक अनुभवी किसान बना दिया है. उन्हें देखकर क्षेत्र के अन्य किसान भी बैंगन की खेती करने लगे हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो बैंगन की मांग सालभर रहती है. इसके विभिन्न व्यंजन जैसे भर्ता, भरा हुआ बैंगन, आलू बैंगन की सब्जी, फ्राई बैंगन और अचार बनाने में इसका उपयोग किया जाता है. दाल बाटी के साथ बैंगन के भर्ते का एक अलग ही महत्व है.
बैंगन की विविधताएँ और उनकी मांग
बैंगन पूरे भारतवर्ष में एक पसंदीदा सब्जी है. इसके विभिन्न व्यंजन और प्रयोग इसे एक महत्वपूर्ण फसल बनाते हैं. इसलिए बैंगन की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. बिजुआ ब्लॉक के गांव डुडवा निवासी युवा किसान हरविंदर सिंह ने बताया कि उनके पिता कई वर्षों से सब्जी की खेती करते आ रहे हैं और अब वे भी उन्हीं के साथ पिछले 10 वर्षों से सब्जी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
वर्तमान स्थिति और बाजार मूल्य
इस बार हरविंदर सिंह ने चार बीघा खेत में बैंगन की फसल लगाई है. बाजार में बैंगन का मूल्य 20 से 40 रुपये प्रति किलो के बीच है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. बैंगन की खेती में निवेश की तुलना में लाभ काफी अच्छा है. जिससे किसानों को आर्थिक स्थिरता मिलती है.
बैंगन की खेती की प्रक्रिया
बैंगन की खेती के लिए सबसे पहले अच्छे बीजों का चयन करना आवश्यक है. बीजों को खेत में बोने से पहले उन्हें उपचारित करना चाहिए ताकि बीजों की गुणवत्ता बनी रहे. बैंगन के पौधे को 40 से 45 दिनों में फल देने लगते हैं. इस दौरान पौधों की देखभाल जल प्रबंधन और खाद का सही उपयोग करना आवश्यक होता है.
रोग और कीट नियंत्रण
बैंगन की खेती में कुछ प्रमुख रोग और कीटों का ध्यान रखना पड़ता है. पौधों को फफूंद और कीटों से बचाने के लिए जैविक और रासायनिक उपचार का उपयोग किया जा सकता है. समय-समय पर पौधों की जांच और उपचार से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है.
उपज और मुनाफा
बैंगन की खेती से प्रति बीघा औसतन 10 से 12 क्विंटल उपज मिल सकती है. यदि बाजार में बैंगन का मूल्य 20 से 40 रुपये प्रति किलो के बीच है, तो किसानों को प्रति बीघा 20,000 से 48,000 रुपये तक की आय हो सकती है. चार बीघा की खेती से यह आय 80,000 से 1,92,000 रुपये तक पहुंच सकती है.