Chinese garlic: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर एक अजीबोगरीब घटना घटी जहां स्थानीय निवासियों ने चीनी लहसुन की एक बड़ी खेप को मिट्टी से खोदकर निकाला. यह लहसुन पहले कस्टम विभाग द्वारा जब्त किया गया था क्योंकि इसे स्वास्थ्य के लिए घातक माना गया था. जांच में इसमें फंगस का पता चला था. विभाग ने इसे नष्ट करने के लिए मिट्टी में दफना दिया था. लेकिन अधिकारी जाते ही ग्रामीणों ने इसे खोदकर निकालना शुरू कर दिया.
लोकल निवासियों की बढ़ती दिलचस्पी
जब्त किए गए लहसुन को खेतों में बोने के लिए ग्रामीण इसे अपने घर ले जा रहे हैं. यह जानते हुए भी कि यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस घटना ने स्थानीय निवासियों में खलबली मचा दी है. जिन्हें लहसुन के स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है.
कस्टम विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
कस्टम विभाग द्वारा चीनी लहसुन को सिर्फ मिट्टी में दफनाने के निर्णय पर कई सवाल उठ रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि जब यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए इतना हानिकारक था, तो इसे और अधिक सुरक्षित तरीके से क्यों नहीं नष्ट किया गया? इस घटना ने विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़े पैमाने पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चीनी लहसुन के सेवन के खतरों पर प्रकाश डाला है. डॉ. अमित राव गौतम के अनुसार यह लहसुन कृत्रिम तरीके से उगाया गया है और इसमें मौजूद रसायनों से पेट में गैस, सूजन और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसके उपयोग से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए इसे बाजार से हटा दिया गया था.