home page

MBA डिग्रीधारी ने नौकरी छोड़कर शुरू किया खुद का बिज़नेस और कमाया तगड़ा मुनाफ़ा, लोगों को भी दे रहे रोज़गार

 | 
jeans factory business
 एक व्यक्ति जो लगभग एक साल पहले जिले मे स्थित एक प्राइवेट कम्पनी मे लगभग 20000 रुपए की साधारण नौकरी किया करता था। वह शख्स हर दिन करीब 8 से 10 घंटे की नौकरी करते थे और जो उनको पुरे माह कि तन्खाह मिलती थी। उस पैसे से अपना घर का खर्च चलाते थे। लेकिन इतने पेसे मे घर का गुजारा नहीं हो पाता था।

 एक व्यक्ति जो लगभग एक साल पहले जिले मे स्थित एक प्राइवेट कम्पनी मे लगभग 20000 रुपए की साधारण नौकरी किया करता था। वह शख्स हर दिन करीब 8 से 10 घंटे की नौकरी करते थे और जो उनको पुरे माह कि तन्खाह मिलती थी। उस पैसे से अपना घर का खर्च चलाते थे। लेकिन इतने पेसे मे घर का गुजारा नहीं हो पाता था।

उन्हें घर चलाना बहुत मुश्किल लग रहा था। इस वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपनी फैक्ट्री खोल ली। अब वह अपने कारखाने के मालिक बन गए हैं। हालांकि वह बस के मालिक नहीं बने, लेकिन आज उन्होंने अपने कारखाने में दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार दिया है।

व्यक्ति जिसने नौकरी छोड़ डाली रेडीमेड जीन्स फैक्ट्री

सिंगरौली गांव के रहने वाले संजय कुमार आज चर्चा का विषय हैं. जो बड़गांव में रेडी टू वियर जींस की फैक्ट्री चलाते हैं। आज यह फैक्ट्री काफी मुनाफा कमा रही है। जीवन के अहम हिस्सों के बारे में पूछे जाने पर संजय ने काफी जानकारी दी.

अपने शुरुआती वर्षों के बारे में बताते हुए वे कहते हैं कि जब उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की, तो वे जल्द ही काम में व्यस्त हो गए। उनकी प्रतिभा और पढ़ाई को देखते हुए, उन्हें अपने काम से ज्यादा फायदा नहीं हुआ। उनमें कुछ नया करने की हिम्मत थी।

2 दर्जन लोगों को दिया रोजगार

संजय जी को एक सरकारी कार्यक्रम से मदद मिली तो उन्होंने व्यापार की योजना बनाई और फिर उन्होंने रेडी-टू-वियर जींस की फैक्ट्री खोलने का फैसला किया। जिस समय उसने कारखाना खोला, उस समय यह अनुमान नहीं था कि वह इतनी बड़ी प्रगति करेगा।

उनकी फेक्ट्री के रेडिमेड जीन्स के कपड़ो को काफ़ी पसन्द किया गया और उन्हें प्रथमिकता मिलने लगी। संजय की मेहनत काफी रंग लाई। आज संजय को स्वय का रोज़गार तो मिला साथ साथ अपनी फैक्ट्री में दो दर्जन से ज्यादा लोगो को उन्होंने रोज़गार भी प्रदान किया है।

स्वरोजगार की ओर हुआ युवाओं का इंटरेस्ट

आपको बता दे की उर्जाधनी सिंगरौली में अपने स्वयं के रोज़गार के तरफ यहां के लोगों का ध्यान इतना ज्यादा हुआ हैं कि अपने खुद के रोज़गार के लिए अधिक संख्या में लोग आगे आ रहें है। इस जिले में दो दिन पूर्व आयोजित रोजगार दिवस का कार्यक्रम 5 हजार से अधिक लोगों को 31 करोड़ रुपये स्वंय का रोजगार दिलाने में सफल रहा। जिले में मध्यम और लघु उद्योग शुरू करने की योजना बनाने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

नौकरी से अधिक फायदा स्वरोजगार में होता है

संजय अपने विचार साझा करते हुए कहते हैं कि इस समय के लोगो को अपना समय बर्बाद करने एवं दूसरे की नौकरी करके परेशान होने से अच्छा यह है कि वह स्वयं का कुछ व्यवसाय चालू कर दे। आजकल बहुत से लोगों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए पैसे और प्रशिक्षण के रूप में मदद मिल रही है। लोगों को सरकारी व्यवस्था और उन्हें मिलने वाली अन्य सुविधाओं से भी अवगत कराया जाए।

सामान्य जीवन में, हम देखते हैं कि बहुत से लोगों का ध्यान किसी उद्योग या व्यवसाय की ओर नहीं जाता है। जिससे स्वयं के रोजगार में या व्यवसाय में कार्य करने से अधिक लाभ होता है। इसलिए सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह आम जनता को नई योजनाओं की जानकारी भी प्रदान करे, ताकि लोग अपनी मेहनत के अनुसार अपने निवेश पर प्रतिफल अर्जित कर सकें।