हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों ने अपनी सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने और केंद्र सरकार की तर्ज पर उच्चतर मकान किराया भत्ता (HRA) पाने की मांग की है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने इस बाबत मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी लिखा है। जिसमें कर्मचारियों की इन मांगों को पूरा करने की गुजारिश की गई है।
सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि की मांग
हसला के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने बताया कि अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पहले ही सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष कर दी गई है। हरियाणा में भी कुछ विशेष श्रेणियों जैसे कि सिविल सेवक, विश्वविद्यालय कर्मचारी, डॉक्टर और दिव्यांग कर्मचारियों को यह लाभ मिल चुका है। लेकिन अब यह सभी कर्मचारियों के लिए लागू होना चाहिए।
आर्थिक नुकसान और एचआरए की समस्या
सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से तब और अधिक नुकसान हो रहा है जब उन्हें केंद्र की तरह उच्चतर एचआरए की दरें नहीं मिल रही हैं। जबकि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एचआरए और महंगाई भत्ते में संशोधन कर दिया है। हरियाणा सरकार ने अभी तक केवल महंगाई भत्ते को ही संशोधित किया है, एचआरए में नहीं। इसके चलते कर्मचारियों को महंगाई के इस दौर में वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
कैबिनेट बैठक और उम्मीदें
कर्मचारियों की इन मांगों पर विचार करने के लिए जल्द ही हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक होने वाली है। कर्मचारी समुदाय को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को स्वीकार करेगी और उन्हें उचित लाभ प्रदान करेगी। इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री के समक्ष इन मांगों को रखा जाएगा और उम्मीद की जा रही है कि एक सकारात्मक निर्णय सामने आएगा।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ने से कर्मचारियों को अपने करियर में दो और वर्षों का समय मिलेगा। जिससे वे अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकेंगे। इससे न केवल कर्मचारी बल्कि उनके परिवारों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा उच्चतर एचआरए दरें कर्मचारियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्राप्त करने में मदद करेंगी।
जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा। हरियाणा के कर्मचारी न केवल अपने लिए बल्कि अपने समुदाय के लिए भी एक बेहतर भविष्य की उम्मीद कर रहे हैं। सरकार के इस संबंध में उठाए गए कदम न केवल कर्मचारियों को लाभ पहुँचाएंगे बल्कि यह हरियाणा राज्य के विकास में भी योगदान देंगे।