गर्मी के मौसम में ही नहीं बरसात के दिनों में भी गाय-भैंस का दूध उत्पादन कम हो जाता है। कई बार पशुपालक शिकायत करते हैं कि बरसात में पशुओं को खूब हरा चारा खिलाने के बावजूद भी दूध उत्पादन में कमी आती है। एनिमल एक्सपर्ट्स के अनुसार पशु के दूध ना देने या कम देने के पीछे हर बार की वजह सिर्फ चारा ही नहीं होता। कई बार पशु तनाव में होने के चलते भी दूध कम देता है।
पशु शेड का रखरखाव
बरसात के दिनों में पशुपालकों को अपने पशु शेड (बाड़े) का खास ख्याल रखना चाहिए। सुबह-शाम सफाई कराना बेहद जरूरी है। रात के वक्त पूरे बाड़े की जांच करें कि कहीं कोई ऐसी चीज तो नहीं है जिससे पशु चौंक रहा हो या डर रहा हो। बरसात के दिनों में जमीन के अंदर या आसपास रहने वाले कीड़े-मकोड़े सुरक्षित जगह तलाशते हैं, जो अक्सर पशुओं के शेड में आ जाते हैं।
सांप और अन्य खतरों से बचाव
पशु शेड में कई बार मेढक और सांप आ जाते हैं। जिससे पशु डरते हैं। सांप को देखकर गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरी भी डरती हैं। इसलिए खासतौर पर बरसात के दिनों में हर रोज शाम को पशु शेड से सभी पशुओं को बाहर निकालें। सूखी घास, कड़वे नीम की पत्तियां, तुलसी, तेज पत्ता जलाकर शेड में धुंआ करें। ऐसा करने से शेड में मौजूद सभी कीड़े-मकोड़े बाहर निकल जाएंगे।
शेड में पानी भरने की समस्या
पशु शेड में पानी भरने की समस्या से निपटने के लिए एनिमल एक्सपर्ट्स का कहना है कि फर्श का ढलान ऐसा रखें कि बरसात के दिनों में भी शेड के अंदर पानी न भरे। अगर पानी भर भी जाता है, तो जहां पानी भरा हो वहां डीजल या मिट्टी के तेल की कुछ बूंदे डाल दें। इससे पानी में पनपने वाले मच्छर-मक्खी समेत दूसरे कीट-पतंगे गाय-भैंस को परेशान नहीं करेंगे।
छत की मरम्मत
बरसात से पहले पशु शेड की छत की मरम्मत जरूर कर लें। जहां से भी पानी टपकने की संभावना हो, उसे सही करा लें। इससे पानी टपकने की समस्या से बचा जा सकता है और पशुओं को सूखा और सुरक्षित माहौल मिल सकता है।