Metro AC: Metro में लगा AC कितने टन का होता है, पसीने को मिनटों में कर देता है छूमंतर

By Uggersain Sharma

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Metro AC: दिल्ली मेट्रो न केवल राजधानी की परिवहन धमनियों में से एक है बल्कि यह लाखों दिल्लीवासियों के दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा भी बन चुकी है. इसने न केवल यात्रा को सरल बनाया है बल्कि यात्रा के समय को भी कम किया है. जिससे लोग अपनी मंजिल (destination reachability) तक सुरक्षित और आरामदायक तरीके से पहुँच पाते हैं.

मेट्रो की असाधारण एयर कंडीशनिंग

दिल्ली मेट्रो की एक विशेषता जो यात्रियों को बेहद भाती है. वह है इसकी एयर कंडीशनिंग (Metro AC system). इसका एसी इतना शक्तिशाली है कि यात्री बाहर की तपती गर्मी से एकदम अनजान रहते हैं. मेट्रो में प्रवेश करते ही कुछ ही मिनटों में एसी आपको एक ठंडी और सुखद अनुभूति प्रदान करता है.

गर्मी के प्रकोप से राहत

मेट्रो का एसी इतना कुशल है कि यहाँ तक कि 48 से 58 डिग्री सेल्सियस के बाहरी तापमान (temperature maintenance) में भी कोच के अंदर का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक मेंटेन कर सकता है. इससे यात्रा के दौरान यात्रियों को अत्यधिक आराम महसूस होता है और गर्मी की प्रचंडता से राहत मिलती है.

एसी की क्षमता और ऊर्जा उपयोग

दिल्ली मेट्रो में प्रयुक्त एयर कंडीशनर की क्षमता 12 टन होती है और यह प्रति घंटा लगभग 42.2 किलोवाट बिजली (AC power consumption) का उपयोग करता है. इस प्रकार एक घंटे में मेट्रो का एसी लगभग 42 यूनिट बिजली का उपयोग करता है, जो कि इसके शीतलन प्रभाव की दक्षता को दर्शाता है.

तकनीकी एडवांस्ड और प्रबंधन

मेट्रो के एसी सिस्टम में एडवांस्ड तकनीक (advanced technology) का उपयोग किया गया है. इसमें लगे सेंसर नमी, तापमान और अन्य पर्यावरणीय परिवर्तनों को मापने में सक्षम होते हैं. जिससे ये सिस्टम आपको एक आदर्श तापमान प्रदान करते हैं. यह सुविधा यात्रियों को न केवल आराम प्रदान करती है बल्कि यात्रा के दौरान उनकी संतुष्टि को भी बढ़ाती है.

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.