Elevated Road: देहरादून की सड़कों पर यातायात का दबाव (traffic pressure in Dehradun) हर दिन बढ़ता जा रहा है. खासकर तब जब दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक मसूरी के लिए उमड़ पड़ते हैं. पर्यटन सीजन और लंबे सप्ताहांत के दौरान यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. क्योंकि मसूरी के लिए मुख्य मार्ग देहरादून से होकर गुजरता है.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और चुनौतियाँ
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर 12 किमी की एलिवेटेड रोड के खुलने से वाहनों का दबाव और बढ़ सकता है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस समस्या के समाधान के लिए मसूरी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का प्रस्ताव रखा है. जिसकी अनुमानित लागत 3,700 करोड़ रुपये है.
नया वैकल्पिक मार्ग की योजना
वैकल्पिक मार्ग के निर्माण के बाद दिल्ली राजमार्ग या पांवटा साहिब की दिशा से आने वाले वाहन सीधे एक्सप्रेसवे के अंतिम छोर आशारोड़ी से झाझरा के बीच नए मार्ग पर मुड़ जाएंगे. इससे देहरादून शहर में वाहनों की भीड़ कम होगी.
निर्माणाधीन फोरलेन मार्ग
आशारोड़ी और झाझरा के बीच नए फोरलेन मार्ग का निर्माण गतिमान है. इस मार्ग के पूरा होने पर वाहन शहर में प्रवेश किए बिना ही मसूरी पहुंच सकेंगे. जिससे देहरादून की सड़कों पर यातायात जाम (Dehradun traffic solution) की समस्या कम होगी.
सुद्धोवाला से शुरू होने वाला नया मार्ग
एनएचएआइ के प्रस्ताव के अनुसार मसूरी के लिए प्रस्तावित वैकल्पिक मार्ग सुद्धोवाला से शुरू होकर लाइब्रेरी चौक से तीन किमी आगे एकांत भवन के पास समाप्त होगा. इसमें दो सुरंगों का निर्माण भी शामिल है.
जमीन अधिग्रहण की चुनौतियाँ
मसूरी के नए मार्ग के लिए जरूरी 157.90 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती है. इसमें वन भूमि और निजी वन भूमि शामिल है. जिसके लिए सरकार को कई प्रशासनिक और विधायी कदम उठाने पड़ेंगे.