Cheque Bounce Rules: जब भी आप चेक के जरिए लेन-देन करते हैं और आपके खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होती, तो चेक बाउंस हो जाता है. यह एक ऐसी समस्या है जो किसी भी वित्तीय लेनदेन को जटिल बना सकती है और इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं.
चेक बाउंस होने के मुख्य कारण
चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि खाते में अपर्याप्त राशि, चेक पर अवैध हस्ताक्षर, चेक पर गलत तारीख लिखी गई हो या फिर चेक किसी तरह का क्षतिग्रस्त हो. इन स्थितियों में चेक बाउंस (cheque bounce issues) होना सामान्य है.
चेक बाउंस पर कानूनी प्रावधान और दंड
अगर आपका चेक किसी कारणवश बाउंस हो जाता है, तो आपको इसकी सूचना देनी होगी और देनदार को निश्चित समय में पैसे चुकाने होंगे. यदि देनदार निर्धारित समय में पैसे नहीं देता है, तो आप उसके खिलाफ कानूनी नोटिस (legal notice for cheque bounce) जारी कर सकते हैं. इस स्थिति में चेक बाउंस करने वाले पर कठोर दंड और जुर्माना लगाया जा सकता है.
चेक बाउंस पर जुर्माने की स्थिति
चेक बाउंस होने पर आप पर भारी जुर्माना लग सकता है और यहां तक कि आपको जेल की सजा भी हो सकती है. यह सजा दो साल तक की हो सकती है और इसमें आर्थिक दंड भी शामिल है. इसलिए चेक इश्यू करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है.
चेक की वैधता और सावधानियां
आपको चेक जारी करने के बाद तीन महीने के अंदर उसे भुनाना होगा. क्योंकि चेक की वैधता (validity of cheque) तीन महीने तक होती है. इस अवधि के बाद चेक अवैध माना जाता है और इसे बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता. इसलिए चेक प्राप्त होने पर तुरंत बैंक में जमा कर देना चाहिए.