Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें भारतीय इतिहास में एक महान विचारक और रणनीतिकार (strategic thinker) के रूप में जाना जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से न केवल राजनीतिक सिद्धांतों को आकार दिया. बल्कि जीवन के सामान्य दर्शन को भी समझाया. उनकी नीतियां जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं. जिसमें वे समझाते हैं कि कैसे दुख की घड़ी में व्यक्ति के सबसे करीबी लोग उसका साथ देते हैं.
पुत्र और पुत्री
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब कोई व्यक्ति दुखी होता है तो उसके पुत्र और पुत्री ही सबसे पहले उसके सहायता के लिए आगे आते हैं (first responders in distress). यह बात भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है जहाँ परिवार को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. संतान द्वारा माता-पिता की सेवा करना न केवल उनका धर्म होता है. बल्कि यह उनके प्रति उनका प्रेम और समर्पण भी दर्शाता है.
जीवनसाथी
चाणक्य की नीतियों में जीवनसाथी को विशेष महत्व दिया गया है. एक जीवनसाथी वह व्यक्ति होता है जो हर परिस्थिति में अपने साथी का साथ देता है (true companion). चाणक्य कहते हैं कि जीवन के कठिन दौर में जीवनसाथी का साथ अमूल्य होता है क्योंकि यह रिश्ता केवल सुख में ही नहीं बल्कि दुख में भी साथ देने की मजबूती प्रदान करता है. यह संबंध जीवन की उन चुनौतियों में भी एक दूसरे के प्रति समर्थन और समझदारी को बरकरार रखता है.
भगवान के भक्त
तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण सहारा के रूप में चाणक्य ने भगवान के भक्तों को बताया है (spiritual support). जब व्यक्ति किसी गहरे दुख या संकट में होता है तो वह अक्सर आध्यात्मिक शक्तियों की ओर मुड़ता है. भगवान के भक्त जो निष्ठावान होते हैं उन्हें इस दुख से उबरने में मदद करते हैं. यह न केवल भारतीय संस्कृति में बल्कि विश्व की कई संस्कृतियों में भी देखा जा सकता है जहां आध्यात्मिकता को संकट के समय में एक मजबूत सहारा माना जाता है.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)