Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपने जीवनकाल में अनेक नीतियों की रचना की थी जो आज भी प्रासंगिक हैं. उनकी नीतियाँ न केवल राजनीतिक दिशानिर्देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं. बल्कि व्यक्तिगत विकास में भी सहायक हैं.
न्याय के लिए आवाज उठाने की चाणक्य नीति
चाणक्य ने बताया है कि जहाँ भी अन्याय हो रहा हो. वहाँ चुप रहना न केवल आपकी निष्क्रियता को दर्शाता है, बल्कि यह अन्याय को और बढ़ावा देने के समान है. इसलिए ऐसी जगहों पर खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए.
हक के लिए खड़े होना
जब भी किसी व्यक्ति के हक को छीना जा रहा हो. तब चुप रहना आपकी सबसे बड़ी गलती हो सकती है. चाणक्य ने सिखाया है कि ऐसे समय पर व्यक्ति को अपनी आवाज़ उठानी चाहिए और अपने हक के लिए लड़ना चाहिए.
रिश्तों में संवाद की महत्वपूर्णता
चाणक्य का मानना था कि रिश्तों को बचाने के लिए संवाद बेहद जरूरी है. जब रिश्तों में दरार आने लगे तो चुप रहना समस्याओं को और बढ़ा सकता है. इसलिए खुलकर अपने विचार व्यक्त करने चाहिए.
धर्म की रक्षा में आवाज उठाना
चाणक्य ने कहा है कि धर्म की रक्षा के लिए आवाज उठाना जरूरी है. जब धर्म पर आँच आए तो उसकी रक्षा के लिए खड़े होना और अधर्म के खिलाफ बोलना हर व्यक्ति का कर्तव्य होता है.