Chanakya Niti: इन आदतों वाले दोस्तों को छोड़ देने में है भलाई, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

By Vikash Beniwal

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Chanakya Niti: भारतीय दर्शन में चाणक्य नीति का विशेष स्थान है. चाणक्य जो कि कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी प्रसिद्ध हैं. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला है. इन्हीं में से एक है सच्चे मित्र की पहचान और महत्व.

चाणक्य की ये नीतियां हमें न केवल अच्छे मित्र चुनने में मदद करती हैं बल्कि यह भी सिखाती हैं कि कैसे हम खुद भी एक सच्चे और अच्छे मित्र बन सकते हैं. इस प्रकार चाणक्य नीति हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होती है.

सच्चे मित्र की विशेषताएं

चाणक्य के अनुसार एक सच्चा मित्र (Identify true friends) वह होता है जो संकट के समय आपका साथ देता है. ऐसे व्यक्ति को ही अपना सच्चा मित्र माना जा सकता है जो आपकी खुशियों में शामिल होने के साथ-साथ आपकी परेशानियों में भी आपके साथ खड़ा होता है.

निस्वार्थ भाव से साथ देना

सच्चे मित्र की पहचान उसके निस्वार्थ भाव से होती है. चाणक्य कहते हैं कि जो मित्र सिर्फ सुख में साथ देने के लिए नहीं (True friendship) बल्कि दुख में भी आपके साथ खड़ा हो, वही सच्चा मित्र है.

विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना

जीवन में अक्सर कठिन परिस्थितियां आती हैं और ऐसे में जो मित्र आपका साथ देते हैं. वही आपके सच्चे मित्र होते हैं. चाणक्य की नीति के अनुसार सच्चे मित्र (Support during hard times) वही होते हैं जो आपको सही राह दिखाने में संकोच नहीं करते.

गलत मित्रों से सावधान

चाणक्य नीति हमें यह भी सिखाती है कि हमें उन मित्रों से सावधान (Avoid selfish friends) रहना चाहिए जो केवल अपने स्वार्थ के लिए हमारे साथ होते हैं. ऐसे मित्र न केवल हमारे लिए हानिकारक होते हैं बल्कि हमारे समय और संसाधनों का दुरुपयोग भी करते हैं.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.