Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिनकी नीतियां न केवल राजनीति में बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं. आचार्य चाणक्य ने मक्कार लोगों की पहचान के बारे में गहराई से वर्णन किया है. उनके अनुसार ऐसे व्यक्तियों की पहचान कुछ विशेष लक्षणों से की जा सकती है.
मीठे बोल वाले मक्कार
चाणक्य के अनुसार मक्कार लोगों की पहली पहचान उनकी मीठी भाषा होती है. वे अपनी मीठी बातों से लोगों को मोहित कर लेते हैं. लेकिन उनके मन में कुछ और ही चल रहा होता है. यह उनकी चालाकी का हिस्सा होता है. जिससे वे अपने असली इरादों को छिपाते हैं.
दूसरों पर दोष देने में माहिर
ये लोग अपनी गलतियों को छिपाने के लिए अक्सर दूसरों पर दोष मढ़ते हैं. चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति स्वयं को सही साबित करने के लिए अन्यों को गलत ठहराने का प्रयास करते रहते हैं.
झूठ और कामचोरी
मक्कार व्यक्ति झूठ बोलने में कुशल होते हैं और अक्सर काम को टालते रहते हैं. चाणक्य बताते हैं कि ऐसे लोग कभी भी सीधे तरीके से काम नहीं करते और हमेशा दूसरों की नजरों में अच्छा दिखने की कोशिश करते हैं.
शक की प्रवृत्ति
एक मक्कार व्यक्ति अपनी कमियों को छिपाने के लिए अक्सर दूसरों पर शक करता है. यह तकनीक उनकी अपनी गलतियों से ध्यान हटाने के लिए की जाती है. जिससे वे खुद को सही साबित कर सकें.
कामचोरी का आलम
मक्कार व्यक्ति अक्सर सबसे बड़े कामचोर होते हैं और काम न करने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं. चाणक्य ने इसे उनके मुख्य लक्षणों में से एक माना है.
मक्कार लोगों को पहचानने की जरूरत
चाणक्य के अनुसार मक्कार लोगों की सही पहचान बहुत जरूरी है. उनकी पहचान कर लेने से हम उनके झांसे में आने से बच सकते हैं और अपने व्यक्तिगत तथा पेशेवर जीवन में सही निर्णय ले सकते हैं.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)