COWS BREED: देसी नस्ल की ये गायें नही है किसी वरदान से कम, दूध बेचकर हो सकते है मालामाल

By Uggersain Sharma

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SAHIWAL INDIGENOUS COWS BREED

COWS BREED: आज के समय में भारतीय युवाओं में स्वरोजगार के प्रति एक विशेष रुझान देखने को मिल रहा है. गांव हो या शहर, युवा अपनी नई-नई सोच और इनोवेशन के साथ विभिन्न प्रकार के स्टार्टअप्स में हाथ आजमा रहे हैं. इन स्टार्टअप्स में सफलता हासिल कर वे न सिर्फ अपनी बल्कि अन्य की भी रोजी-रोटी का साधन बन रहे हैं.

पशुपालन

यदि आप भी खुद का कुछ काम शुरू करने की सोच रहे हैं तो पशुपालन एक अच्छा विकल्प हो सकता है. विशेषकर देसी नस्ल की गायों का पालन न केवल आपको अच्छी आमदनी दे सकता है बल्कि इससे जुड़ी कई अन्य फायदे भी हैं.

देसी नस्ल की गायों की विशेषताएँ

देसी नस्ल की गायों की खासियत उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और कम खुराक में भी अच्छी मात्रा में दूध देने की क्षमता है. डॉ. आरपी गुप्ता के अनुसार, ये गायें दीर्घकालिक लाभ प्रदान करती हैं और पशुपालकों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा सुनिश्चित करती हैं.

पशुपालन में कम खर्च और अधिक मुनाफा

पशुपालन, खासकर देसी गाय का यदि सही तरीके से किया जाए तो इसमें निवेश की तुलना में उत्पादन काफी अधिक होता है. यह न केवल दूध उत्पादन में लाभकारी है बल्कि पशुओं के अन्य उत्पादों के व्यापार से भी अच्छी आय सुनिश्चित करता है.

प्रमुख देसी नस्ल की गायें और उनकी विशेषताएँ

डॉ. गुप्ता ने साहिवाल, गिर और सिंध जैसी कुछ प्रमुख देसी नस्लों के बारे में बताया जो न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं. ये नस्लें उच्च दूध उत्पादन क्षमता और बेहतर स्वास्थ्य विशेषताओं के लिए जानी जाती हैं.

पशुपालन के फायदे और उद्यमी बनने की संभावनाएं

पशुपालन से न केवल व्यक्तिगत लाभ होता है बल्कि यह ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है. युवा उद्यमी इस क्षेत्र में नवाचार कर सकते हैं और व्यापक पैमाने पर व्यावसायिक सफलता हासिल कर सकते हैं.

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.