असली और नक़ली आधार कार्ड के बीच मिनटों में कर लेंगे फर्क, बहुत कम लोगों को पता होता ये जानकारी

By Ajay Kumar

Published on:

भारत में आधार कार्ड की शुरुआत 2010 में हुई थी और तब से यह भारतीय नागरिकों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। आधार कार्ड एक अनूठी पहचान संख्या प्रदान करता है जो कि व्यक्तिगत पहचान और नागरिक सत्यापन के लिए आवश्यक होती है। आज भारत की लगभग 90% आबादी के पास अपना आधार कार्ड है जो कि स्कूल और कॉलेज में एडमिशन बैंक खाते खोलने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है।

आधार कार्ड का मैनेजमेंट और अपडेट प्रक्रिया

भारत में आधार कार्ड की व्यवस्था और प्रबंधन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा किया जाता है। अगर आधार कार्ड में कोई त्रुटि हो तो उसे ऑनलाइन या नजदीकी आधार केंद्र पर जाकर सुधारा जा सकता है। यह सुविधा नागरिकों को उनके डेटा को सही और अपडेट रखने में मदद करती है।

नकली आधार कार्ड की समस्या और उसकी जाँच

हालांकि आधार कार्ड के बढ़ते महत्व के साथ नकली आधार कार्ड बनाने की घटनाएँ भी सामने आई हैं। यह एक चिंताजनक मुद्दा है क्योंकि यह वित्तीय धोखाधड़ी और अन्य अपराधों का कारण बन सकता है। अपने आधार कार्ड की प्रामाणिकता की जाँच करने के लिए आप UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं और वहाँ दिए गए वेरिफिकेशन प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं।

आधार सत्यापन की ऑनलाइन प्रक्रिया

आधार सत्यापन के लिए आपको UIDAI की वेबसाइट पर अपना 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करना होगा इसके बाद कैप्चा कोड भरना होगा और फिर ‘प्रोसिड’ पर क्लिक करना होगा। यदि आपका आधार कार्ड असली है तो स्क्रीन पर ‘मौजूद है’ या ‘Exists’ का संदेश दिखाई देगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से आप अपने आधार कार्ड की प्रामाणिकता को सुनिश्चित कर सकते हैं और इसके साथ ही आपके आधार से लिंक किए गए नंबर के अंतिम तीन अंक भी दिखाई देंगे।