Diesel Plant Business: जेट्रोफा जिसे आमतौर पर ‘डीजल का पौधा’ कहा जाता है. वह भारत में एक बढ़ते हुए बायोडीजल उत्पादन के लिए मुख्य स्रोत बन गया है. इसकी खेती विशेष रूप से बंजर भूमि पर की जा सकती है और यह न्यूनतम संसाधनों के साथ ज्यादा लाभ प्रदान कर सकती है.
खेती की विधि और परिचय
जेट्रोफा की खेती बंजर भूमि पर संभव है जिससे इसकी खेती के लिए जमीन की उपलब्धता एक बड़ी समस्या नहीं है. इस पौधे को कम पानी और लगभग न के बराबर खेती जुताई की आवश्यकता होती है, जो इसे सूखा प्रधान क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है. इसके बीज बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं और इसकी देखभाल के लिए ज्यादा श्रम की जरूरत नहीं होती.
जेट्रोफा की विशेषताएं और इस्तेमाल
जेट्रोफा एक अर्ध-शुष्क क्षेत्र में उगने वाला पौधा है जिसके बीजों से 25 से 30 प्रतिशत तेल निकाला जा सकता है. इस तेल का उपयोग डीजल इंजन चलाने और अन्य ऊर्जा संबंधित उपयोगों में किया जाता है. बचे हुए अवशेष से उच्च-गुणवत्ता की बिजली उत्पादन भी संभव है.
आर्थिक लाभ और बाजार में स्थान
इस पौधे की खेती से जुड़े आर्थिक लाभ बेहद आकर्षक हैं. एक बार खेती शुरू करने के बाद, यह पौधा पांच वर्ष तक फसल देता है और इसे बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है. जेट्रोफा के बीजों की मांग विश्व स्तर पर बढ़ रही है. खासकर जब इसे बायोडीजल के रूप में उपयोग करने की संभावना देखी जाती है.
सरकारी सहायता और किसानों के लिए अवसर
भारत सरकार ने इस खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. किसानों को बीज खरीदने से लेकर फसल बेचने तक में सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अलावा बायोडीजल उत्पादन में जेट्रोफा के उपयोग से पर्यावरणीय लाभ भी हैं. जिससे इस खेती को और भी आकर्षक बनाया जा सकता है.














